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झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप, बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता - Jharkhand news

थोड़ा संभल जाइए, सावधान रहिए, झारखंड में कोरोना संक्रमण कम हुआ है. लेकिन डेंगू और चिकनगुमिया के बढ़ते मामले ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी (Increasing cases of dengue and chikungunya) है. प्रदेश में इस जानलेवा बीमारी के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. सावधानी बरतकर जानलेवा डेंगू से बच सकते हैं. सबकुछ पढ़िए, ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में.

Increasing cases of dengue and chikungunya in Jharkhand
रांची

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Published : Oct 11, 2022, 10:24 AM IST

Updated : Oct 11, 2022, 10:41 AM IST

रांचीः झारखंड में इन दिनों कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेहद कम हो गयी है. अब इक्का दुक्का ही कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं. राहत वाली इस खबर के बीच स्वास्थ्य विभाग की चिंता फिर एक बार एडीस मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी डेंगू और चिकनगुनिया ने बढ़ा दी (Increasing cases of dengue and chikungunya) है.

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झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया (dengue and chikungunya in Jharkhand) तेजी से पांव पसार रहा है. सितंबर महीने में ही राज्य में 45 कंफर्म मामले चिकनगुनिया के और 36 डेंगू के कंफर्म केस मिले. वहीं अक्टूबर महीन के 10 दिन में ही करीब 30 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं. हर दिन रिम्स के ओपीडी में डेंगू और चिकनगुमिया के लक्षण के साथ संदिग्ध मरीज प्रदेश के अलग अलग जिलों से पहुंच रहे हैं. रिम्स के डेंगू वार्ड (RIMS Dengue Ward) में कोडरमा, रांची के रातू और धुर्वा सहित अन्य इलाकों से 06 डेंगू संक्रमित का इलाज चल रहा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


डेंगू और चिकनगुमिया के बढ़ते मामले (chikungunya patients in Jharkhand) को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला के सिविल सर्जन को विशेष निर्देश जारी किया है. जिन इलाकों में संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं वहां अभियान चलाकर संदिग्धों की जांच, लार्वा रोधी दवाइयों का छिड़काव, घरों और आसपास इलाकों में पानी जमा बर्तन, टायर और गमलों को साफ करवा रहे हैं.

झारखंड में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल बोर्ड (Vector Borne Disease Control Board) के स्टेट हेड डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि राज्य में चिकनगुनिया के 1103 संदिग्धों की जांच में 151 पॉजिटिव केस मिले हैं. वहीं डेंगू के 1102 सैंपल की जांच में 175 डेंगू संक्रमित मिले हैं. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा केस रांची में मिले हैं. स्टेट हेड ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम (dengue cases in Jharkhand) के लिए सभी जिला के सिविल सर्जन को निर्देश दिए जा चुके हैं.

अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रहीः रिम्स मेडिसिन विभाग (RIMS Medicine Department) के हेड डॉ. विद्यापति कहते हैं कि भले ही अभी स्थिति कमांड में हो और चिंतित होने वाली स्थिति नहीं है. लेकिन धीरे धीरे अब डेंगू के मरीजों का भी अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया है. डॉ. विद्यापति ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि सावधानी बरतें और साफ सफाई पर ध्यान रखकर, घर में बर्तन में जमा पानी, कूलर का पानी और खराब टायर, कचड़े में जमा पानी को साफ करके एडीस मच्छर को बढ़ने से रोका जा सकता है. जब मच्छर नहीं रहेंगे तो डेंगू का फैलाव स्वतः रूक जाएगा. इसके अलावा मच्छर से बचने के लिए हमेशा मच्छरदानी के अंदर ही सोना चाहिए.

डॉ. विद्यापति कहते हैं कि कहा कि तेज बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखे, शरीर पर चकते बने हुए दिखे तो देर ना करते हुए तुरंत अस्पताल आकर डॉक्टर से जांच कराएं. डॉ. विद्यापति ऐसे मामले में खुद से दवा ना लेने की अपील करते हुए कहते हैं कि ऐसे लक्षण में एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अज्ञानतावश कई लोग झोलाछाप डॉक्टर का शिकार हो जाते हैं.

डेंगू क्या हैःडेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. डेंगू बुखार (Dengue Fever) को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है. यह संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार (Flaviviridae family) के एक वायरस के सेरोटाइप- डीईएनवी-1 (DENV-1), डीईएनवी-2 (DENV-2), डीईएनवी-3 (DENV-3) और डीईएनवी-4 (DENV-4) के कारण होता है. हालांकि, ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते हैं. जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ (Dengue Haemorrhagic Fever) होने का खतरा बढ़ जाता है. इसमें भारी रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है. डीएचएफ को डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome) भी कहा जाता है. अधिक गंभीर मामलों में तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत होती है वरना पीड़ित की जान भी जा सकती है. डेंगू का कोई विशिष्ट या खास उपचार उपलब्ध नहीं है. सिर्फ इसके लक्षणों को पहचानकर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं.

डेंगू के लक्षण

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

  • मितली-उल्टी आना
  • तेज बुखार
  • कमजोरी महसूस होना
  • पेट की खराबी या पेट में दिक्कतें पैदा होना
  • सिरदर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • हड्डी या जोड़ों में दर्द
  • आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द
  • त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते या लाल रंग के दाने

इतने दिनों बाद दिखने लगते हैं लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो शुरुआत में डेंगू के लक्षण फ्लू की तरह होती है और इसी के कारण लोग डेंगू के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं. आमतौर पर संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है, तो उसके 4-10 दिनों के बाद उसमें डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसके बाद तेज बुखार आने के साथ ही डेंगू के अन्य लक्षण भी नजर आने लगते हैं और ये तेजी से बढ़ने भी लगते हैं.

डेंगू से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें
  • मच्छर मारने वाली दवा का उपयोग करें
  • घर से या किचन से निकलने वाले कचरे को ज्यादा जमा न होने दें
  • सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
  • घर की छत, कूलर, गमलों, टायर या अन्य जगहों पर पानी जमा न होने दें. ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.
Last Updated : Oct 11, 2022, 10:41 AM IST

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