रांची: कर्बला चौक स्थित तालिब पतंग दुकान की चर्चा पूरे शहर में होती है. चर्चा का कारण सिर्फ उनकी पतंग की गुणवत्ता ही नहीं, बल्कि उनके आपसी भाईचारा और संप्रदायिक सौहार्द भी है. तालिब पतंग दुकान के संचालक तालिब खान कहते हैं कि मकर संक्रांति का पर्व के दौरान शहर के सभी क्षेत्रों से लोग पतंग खरीदने आते हैं. यह पर्व सनातनी धर्म मानने वाले लोगों के लिए काफी महत्व है. लेकिन हमारे घर में भी लोग खुश हो जाते हैं.
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तालिब खान कहते हैं कि मेरे घर में भी मकर संक्रांति का त्योहार मनाते हैं. वहीं, व्यापार की दृष्टि से भी यह पर्व हमारे लिए काफी मायने रखता है. करीब 55 सालों से पतंग की दुकान कर्बला चौक पर चला रहे हैं और राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से लोग उनके दुकानों पर आकर पतंग खरीदते हैं. ग्राहक रोशन तिवारी कहते हैं कि तालीब पतंग दुकान से अच्छी पतंग कही नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोग तालीब पतंग दुकान पर आकर पतंग खरीदते हैं और आपसी भाईचारा एवं संप्रदायिक सौहार्द का संदेश देते हैं.
इस साल कागज के पतंगों की खासा क्रेज युवाओं और बच्चों में देखा जा रहा है. पतंग से जुड़े व्यापारियों ने बताया कि इस वर्ष पतंगों की बिक्री काफी है. इस साल पतंगों की बिक्री अच्छी होने की संभावना है. बता दें कि मकर संक्रांति के मौके पर धार्मिक दृष्टिकोण से लोग भगवान सूर्य की आराधना करते हैं. वही पतंग उड़ाने की भी परंपरा काफी पुरानी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने शुरू की थी. मना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन भगवान श्री राम ने पतंग उड़ाई थी, जो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी. इसी कारण इस दिन लोग पतंग उड़ाते हैं. तालीब दुकान के मालिक तालिब खान कहते हैं कि कुछ वर्ष पहले तक पतंग उड़ाने की परंपरा सिर्फ हिंदू धर्म मानने वाले लोगों में थी. लेकिन अब धीरे-धीरे यह परंपरा सभी धर्मों में देखने को मिल रहा है.