रांची: केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और गलत व्यवहार के आरोपों के चलते तीन दिन पहले इनकम टैक्स के 12 अफसरों को बर्खास्त कर दिया है. उनमें से झारखंड में पोस्टिंग के दौरान चर्चित रहे आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन को भी भारत सरकार ने बर्खास्त किया है.
कई गंभीर आरोप
श्वेताभ सुमन झारखंड के काफी चर्चित आयकर अधिकारी रहे हैं. झारखंड के जमशेदपुर के एक बड़े होटल में उनके पार्टनरशिप की चर्चा ने काफी तुल पकड़ा था. श्वेताभ सुमन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, देहरादून में आयकर आयुक्त रहते कंपनियों की स्क्रूटनी से जुड़ी फाइलें गायब करवानें और शेल कंपनियों से जुड़े एक मामले में व्यवसायी से 50 लाख की घूस लेने का आरोप श्वेताभ सुमन पर लगा है. सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में श्वेताभ सुमन को सात साल की सजा और 3 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. हालांकि श्वेताभ सुमन अभी इस मामले में जमानत पर हैं. जमशेदपुर में एक बड़े होटल में भी श्वेताभ सुमन का इंवेस्टमेंट बताया जाता है.
किन-किन मामलों के कारण हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई
श्वेताभ सुमन को सीबीआई नई दिल्ली की टीम ने 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया था. शेल कंपनी से जुड़े मामले में श्वेताभ पर 50 लाख मांगने का आरोप था. सीबीआई ने गुवाहाटी, जोरहट, शिलॉग, नोएडा और दिल्ली में छापेमारी कर 40 लाख रुपये बरामद किए थे. सीबीआई ने एक बिचौलिए की भी गिरफ्तारी की थी. यह मामला अभी सीबीआई द्वारा अनुसंधानरत है.आयकर अधिकारी पर भ्रष्टाचार, भारी पैमानें पर घूस लेने और टैक्स एसेस्मेंट की स्क्रूटनी में गड़बड़ी, देहरादून में बंगले की खरीद की जानकारी मिली थी.
इन मामलों के सामने आने के बाद सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. 14 फरवरी को सीबीआई ने श्वेताभ सुमन को 3.50 करोड़ रूपये आय से अधिक संपत्ति रखने का दोषी पाया. इसके बाद उन्हें सात साल की कैद और तीन करोड़ का जुर्माना लगाया. इस मामले में उनकी मां गुलाब देवी और दो सहयोगियों को भी सीबीआई कोर्ट ने दोषी पाया था. देहरादून आयकर विभाग की गोपनीय फाइलें सीबीआई ने श्वेताभ सुमन के जमशेदपुर स्थित आवास से बरामद की थी. इन फाइलों के गायब होने के मामले में पहले से देहरादून में चोरी से संबंधित एफआईआर दर्ज थी.