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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन, जानिए झारखंड को क्या दी सौगात

उत्तर बिहार के साथ हाजीपुर से पटना प्रतिदिन आने-जाने वाले हजारों लोगों के लिए दशकों के कष्ट के बाद अब कुछ ही घंटों में राह आसान हो गई. वैशाली में महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पटना पहुंचे. गडकरी और सीएम नीतीश ने सेतु का उद्घाटन किया. इस दौरान गडकरी ने झारखंड को भी सौगात दी है.

Union Minister Nitin Gadkari gave gifts to Jharkhand
Union Minister Nitin Gadkari gave gifts to Jharkhand

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Published : Jun 7, 2022, 5:24 PM IST

पटना/वैशाली :मंगलवार को महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का विधिवत उद्घाटन (Inauguration of Gandhi Setu) हो गया. केंद्रीय परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया. नितिन गडकरी ने 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया जिसमें से तीन का झारखंड कनेक्शन है. मुंगेर-भागलपुर-मिर्जाचौकी फोर लेन ग्रीन फील्ड, औरंगाबाद से चोरदाहा (झारखंड सीमा) छह लेन सड़क परियोजना और पुरानी मुंगेर-मिर्जाचौकी सड़क निर्माण से झारखंड के लोगों को फायदा होगा.

गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन के मौके पर कई मंत्री, विधायक व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए. सेतु के 1 नंबर पाया के निकट तेरसिया में बने भव्य पंडाल में भव्य उद्घाटन समारोह किया गया. इससे पहले साढ़े 5 किलोमीटर से ज्यादा लंम्बा महात्मा गंदी सेतु पुल का उद्घाटन तत्कालीन देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. उत्तर बिहार को राज्य की राजधानी से जोड़ने वाली महात्मा गांधी सेतु को बिहार का लाइफ लाइन भी कहा जाता है.

दोनों लेनों पर आवागमन शुरू : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान फीता काटकर गांधी सेतु के पूर्वी लेन का लोकार्पण (Mahatma Gandhi Setu East Lane) किया. इसी के साथ मंगलवार से गांधी सेतु की दोनों लेनों पर आवागमन शुरू कर दिया गया. अब पटना समेत पूरे उत्तर बिहार के लोगों को गांधी सेतु पर ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा. साथ ही उत्तर बिहार के लोगों के लिए आना जाना आसान होगा.

''जॉन कैनरी ने कहा था, अमेरिका का रोड इसलिए अच्छा नहीं हैं क्योंकि अमेरिकी अमीर है, अमेरिका इसलिए अमीर हैं क्योंकि अमेरिका के रोड अच्छे हैं. बिहार में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. मेरा विश्वास है नीतीश कुमार के नेतृत्व में अच्छे रोड बनाकर बिहार देश का समृद्ध और संपन्न राज्य बनेगा. नए रोजगार निर्माण होंगे. उद्योग लगेंगे. पीएम मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है. बिहार को सुखी संपन्न बनाना है. भय, भूख और भ्रष्टाचार के आतंक से मुक्त करके हिन्दुस्तान का प्रगतिशील राज्य बनाना है. ये हमारा संकल्प है. मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं 2024 से पहले बिहार का रोड नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा. मैं जो बोलता हूं, कहता हूं, वह करके दिखाता हूं, क्योंकि मैं झूठी बात कभी नहीं करता.'' - नितिन गडकरी, केंद्रीय परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्री

नितिन गडकरी ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु बिहार की जीवनरेखा है, जो उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ता है. इस सुपर स्ट्रक्चर रिप्लेसमेंट परियोजना से महात्मा गांधी सेतु को पार करने का 2 से 3 घंटे का समय घटकर 5 से 10 मिनट का हो गया है. छपरा - गोपालगंज सेक्शन के 4 बाईपास सहित 2-लेन होने से हाईवे का ट्रैफिक बाईपास से निकल सकेगा और शहर को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी. उमागांव से भेजा मार्ग उच्चैठ भगबती एवं महिशी तारापीठ धार्मिक स्थलों को सीधा जोड़ेगा. औरंगाबाद-चोरदाहा सेक्शन 6-लेन मार्ग से बिहार की उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल से कनेक्टिविटी बेहतर होगी. मुंगेर-भागलपुर-मिर्जाचौकी सेक्शन 4-लेन ग्रीनफील्ड मार्ग से इस क्षेत्र के किसानों की उपजाउ फसल देशभर में पहुंचने में सुविधा होगी.

''नई सड़कों से बिहार का कायाकल्‍प हो रहा है. केंद्र के सहयोग से बिहार में बहुत सारा काम हुआ है और हो रहा है. आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक है. केन्द्र के सहयोग से इसका लाभ बिहारवासियों को मिल रहा है. आप सबका आशीर्वाद रहेगा तो बिहार में इतने इथनॉल का उत्पादन होगा कि देश में कहीं कमी नहीं होगी. केन्द्र जो भी जरूरत होगी बिहार सरकार की तरफ से सहयोग मिलेगा. मिलकर काम करेंगे, ना सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश के विकास में अपना योगदान देंगे.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

गांधी सेतु पर अब जाम का अब नो-टेंशन:दरअसल, गंगा नदी पर बने गांधी सेतु की लंबाई 5.75 किलोमीटर है. इस पुल पर पूर्वी लेन का काम 2017 में शुरू हुआ था. गांधी सेतु की पश्चिमी लेन को जून 2020 में चालू कर दिया गया था. तब से एक ही लेन में दोनों तरफ से वाहन आ जा रहे थे. इस वजह से गांधी सेतु पर बहुत लंबा ट्रैफिक जाम लगता था. ट्रैफिक जाम में फंसने के चलते कई बार लोगों की फ्लाइट, ट्रेनें छूट जाती थीं. लेकिन, अब गांधी सेतु की दोनों लेन पर गाड़ियां सरपट दौड़ेंगी. इससे पटना से हाजीपुर की दूरी सिर्फ 15 मिनट में पूरी हो पाएगी. वहीं लोगों को रोजाना के जाम से भी मुक्ति मिलेगी.

21 सौ करोड़ की लागत से दिया गया नया लुक: 15 जून 2017 से पूर्वी लेन के निर्माण का कार्य शुरू हुआ था. जिसकी अनुमानित लागत 1382.40 करोड़ थी लेकिन बाद में यह बढ़कर लभगभ 21 सौ करोड़ हो गया है. इसके निर्माण में 66360 मीट्रिक टन स्टील, 25 लाख नट वोल्ट के अलावा 460 एलईडी लाइट भी लगाया गया है. कभी एशिया के सबसे बड़े ब्रिज का तमगा हासिल इस सेतु के बन जाने से उत्तर बिहार को बड़ी राहत मिलेगी. सेतु पर दो मीटर का फुटपाथ बनाया गया है. जिस पर साइकिल और पैदल लोग आवाजाही कर सकते है. इसके अलावा पहली बार इस सेतु में यूटिलिटी कॉरिडोर भी बनाया गया है. सेतु के पूर्वी लेन की लम्बाई 5 किलोमीटर 575 मीटर है.

1982 में इंदिरा गांधी ने किया था उद्घाटन :बता दें कि गंगा नदी पर पटना में महात्मा गांधी सेतु पुल 1982 में बनाया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुल का उद्घाटन किया था. लेकन, इस पुल की स्वीकृति 1969 में भारत सरकार द्वारा दी गई थी. इसके बाद 1972 से 1982 तक पुल निर्माण का कार्य चला था. पुल 10 वर्षों में बनकर तैयार हुआ था. इसपर 87.22 करोड़ की लागत आई थी. पुल में कुल 46 पाया है. लेकिन उचित रखरखाव नहीं होने से पुल जर्जर हो गया था.

पुल के 100 साल चलने का दावा किया गया लेकिन 1991 से ही मरम्मत को लेकर इस पर चर्चा शुरू हो गई. 2014 में केंद्र और राज्य सरकार ने इसकी जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया. सुपर स्ट्रक्चर को चेंज कर स्टील का स्ट्रक्चर लगाने का निर्णय लिया गया. जीर्णोद्धार का कार्य 2017 से शुरू हुआ. पुल के ऊपरी भाग को पूरी तरह तोड़कर स्टील का बनाने का निर्णय लिया गया. 24 साल बाद अब यह पुल दोबारा मजबूती के साथ बनकर तैयार है. पहले से ही इस पुल का पश्चिमी लेन चालू था.

नेशनल हाइवे की 15 योजनाओं की बड़ी सौगात :इसी के साथ, केंद्रीय सड़क और राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को बिहार में 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी मौजूद रहे. हाजीपुर में आयोजित कार्यक्रम में 13585 करोड़ की लागत से 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में 9607 करोड़ रुपए की कुल 308 किलोमीटर लंबाई की 11 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और 2761 करोड़ रुपए लागत की कुल 100 किलोमीटर लंबाई की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ.

परियोजनाओं का शिलान्यास

  • मुंगेर-भागलपुर-मिर्जाचौकी फोर लेन ग्रीन फील्ड. सड़क की लंबाई 124 KM. लागत 5788 करोड़.
  • औरंगाबाद से चोरदाहा (झारखंड सीमा) छह लेन सड़क परियोजना. यह सड़क 70 KM लंबी. लागत 1508 करोड़.
  • जयनगर बाईपास पर दो लेन अप्रोच रोड के साथ आरओबी. लंबाई एक KM और लागत 70 करोड़.
  • बेगूसराय शहर में चार लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर. लंबाई चार KM. लागत 256 करोड़.
  • गोपालगंज शहर में चार लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर. लंबाई 3 KM, लागत 185 करोड़.
  • कायम नगर से आरा शहर तक चार लेन सड़क. लंबाई 9 KM. लागत 98 करोड़.
  • उमगांव से भेजा तक दो लेन सड़क, लंबाई 89 KM, लागत 1614 करोड़.
  • पुरानी मुंगेर-मिर्जाचौकी सड़क. लंबाई 108 KM, लागत 1044 करोड़.
  • पटना एम्स से नौबतपुर के बीच अतिरिक्त दो लेन सड़क. लंबाई 11 KM, लागत 88 करोड़.

रेणु देवी की गडकरी से मांग: इससे पहले, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने मंच से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को 'बड़े भाई' कहकर सम्‍बोधित किया. अपने संबोदन में उन्‍होंने कहा कि 'मैं अपने भाई से एक आग्रह करना चाहती हूं. बड़े भाई आप हमेशा एक्‍सपेरिमेंट करते रहे हैं. इथेनॉल ने तो बिहार को बहुत कुछ दिया है लेकिन आपसे हमारी विनम्र प्रार्थना है कि हमारे यहां भी मोटर व्हकिल और कुछ कार की फैक्ट्री लगवाने की कृपा करें.

'लंबा होना भी आफत है': कार्यक्रम में संबोधन के दौरान हाजीपुर से सांसद व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को लंबा होने की वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. अंत में उन्हें कहना पड़ा कि लंबा होना भी आफत है. दरअसल, गांधी सेतु के पूर्वी लेन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान माइक उनके मुंह के नजदीक तक नहीं पहुंच पा रही थी. इस वजह से उन्हें परेशानी हो रही थी. इसके बाद कॉडलेस माइक मंगाई गई. फिर पशुपति पारस ने अपना संबोधन शुरू किया.

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