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दिशोम गुरु या बाबा तिलका मांझी! सेतु के नामकरण पर सियासत, मयूराक्षी नदी पर बना है राज्य का सबसे लंबा पुल

दुमका में मयूराक्षी नदी पर बने राज्य के सबसे बड़े पुल के नाम को लेकर विवाद तेज हो गया है. जहां एक ओर सीएम हेमंत सोरेन पुल का नाम शिबू सोरेन पर रखने की घोषणा कर दी है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी और स्थानीय लोग पुल का नाम बाबा तिलका मांझी के नाम पर रखने की मांग कर रहे हैं. Mayurakshi bridge name dispute.

Bridge on Mayurakshi River
Bridge on Mayurakshi River

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 7, 2023, 9:52 PM IST

Updated : Nov 8, 2023, 9:25 AM IST

दिशोम गुरु या बाबा तिलका मांझी! सेतु के नामकरण पर सियासत

रांची: दुमका में मयूराक्षी नदी पर बने राज्य के सबसे लंबे सेतु के नामकरण का मामला गरमाने लगा है. यह सेतु अब सियासत का हिस्सा बन गया है. हेमंत सरकार ने इसका नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन सेतु रखने की घोषणा कर दी है. लेकिन प्रशासन की तरफ से अमलीजामा पहनाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही पुल के दोनों ओर बाबा तिलका मांझी सेतु लिखा कई होर्डिंग लगा दिया गया है. इसकी वजह से सेतु के नामकरण का मामला सेंसेटिव हो गया है.

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आलम यह है कि बाबा तिलका मांझी की तस्वीर वाले होर्डिंग्स को हटाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. प्रशासन को अंदेशा है कि होर्डिंग्स हटाने पर कहीं स्थानीय लोगों की भावना आहत ना हो जाए. इस मसले पर दुमका के डीसी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

दूसरी तरफ भाजपा ने बयान जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से दोबारा अपील की है कि सेतु को बाबा तिलका मांझी का ही नाम दिया जाना चाहिए. भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि संथाल में बाबा तिलका मांझी को भगवान के रुप में पूजा जाता है. उन्होंने आजादी के आंदोलन में अपनी शहादत दी थी. उन्होंने एक अंग्रेज कमीश्नर की हत्या कर दी थी. अब जानकारी मिल रही है कि क्षेत्र के आदिवासी और मूलवासियों ने पुल पर बाबा तिलका मांझा सेतु लिखा होर्डिंग उस पुल पर लगा दिया है. लिहाजा, जनता की भावना का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री को उस पुल का नाम बाबा तिलका मांझी सेतु करने की घोषणा कर देनी चाहिए.

सेतु के उद्घाटन कार्यक्रम में क्या बोले थे सीएम हेमंत:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 30 अक्टूबर को मयूराक्षी नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया था. कार्यक्रम में कांग्रेस के मंत्री बादल पत्रलेख ने अपने संबोधन में आग्रह किया था कि इसका नामकरण दिशोम गुरु शिबू सोरेन सेतु रखा जाना चाहिए. इसके बाद सीएम ने अपने संबोधन के दौरान घोषणा कर दी कि यह नाम देना झारखंड के आंदोलनकारियों को सम्मान है. यह हमारी परंपरा है. हम अपने वीरों को कभी नहीं भूलते. उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े आंदोलनकारी के रुप में दिशोम गुरु आज हम लोगों के बीच भी हैं. यह उत्साहवर्धक खबर उनको अच्छा लगेगा. हमारे आंदोलनकारियों का मनोबल भी ऊंचा होगा. बहुत जल्द सरकारी प्रक्रिया पूरी कर शिलापट्ट लगाने का काम भी पूरा किया जाएगा.

राज्य के इस सबसे लंबे पुल की लंबाई 2.34 किलोमीटर है. इसको करीब 198 करोड़ की लागत से बनाया गया है. इसका शिलान्यास साल 2018 में रघुवर सरकार ने किया था. यह पुल दुमका सदर प्रखंड और मसलिया प्रखंड को जोड़ता है. इसके बनने से दोनों प्रखंडों के बीच 10 किलीमीटर दूरी कम हो गई है. पुल पर आवागमन तो चालू हो गया है लेकिन राजनीति की वजह से नामकरण का मामला अधर में लटका दिख रहा है. गौर करने वाली बात है कि पड़ोसी राज्य बिहार में भागलपुर विश्वविद्यालय को बाबा तिलका मांझी विश्वविद्यालय नाम दिया गया है. इसका भी हवाला देकर कहा जा रहा है कि नवनिर्मित सेतु को बाबा तिलका मांझा का ही नाम दिया जाना चाहिए.

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Last Updated : Nov 8, 2023, 9:25 AM IST

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