रांची: मकर संक्रांति को लेकर बाजार पूरी तरह से सज गया है. रांची के विभिन्न चौक चौराहों पर तिलकुट की सोंधी खुशबू लोगों को आकर्षित करने लगा है. तिलकूट कारोबारियों ने अपने-अपने दुकानों को तिलकुट से सजा रहा है. इन दुकानों में तिल, गुड़, चीनी और मेवा से बने कई वैरायटी के तिलकुट हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रहा है.
यह भी पढ़ेंःमकर संक्रांति 2022ः महंगाई का नहीं दिखा असर, बोकारो में खूब बिके तिलकुट
तिलकुट का कारोबार करने वाले व्यापारियों ने बताया कि इस वर्ष बाजार से काफी उम्मीद है. पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण तिलकुट का व्यापार ना के बराबर था. लेकिन इस वर्ष करोबारियों को उम्मीद है कि इस वर्ष व्यापार बेहतर होगा. वहीं, डॉक्टर कहते हैं कि ठंड के मौसम में तिल के सेवन से कई तरह के फायदे होते हैं. ठंड के मौसम में तिल का सेवन करने से हृदय रोगियों को काफी फायदा होता है. उन्होंने कहा कि तिल और तिलकुट ठंड से बचाने में काफी कारगर साबित होता है. डॉक्टर कहते हैं कि ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर को तिल सामान्य रखता है. इसके साथ ही तिल के सेवन से त्वचा भी सुरक्षित रहता है.
मकर संक्रांति के मौके पर सनातन धर्म के अनुसार तिल का सेवन करना काफी मायने रखा जाता है. राजधानी के प्रसिद्ध पंडित जितेंद्र जी महाराज कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य शनी राशि में प्रवेश करते हैं और आस्था के अनुसार भगवान सूर्य को लोग तिल और गुड़ से पूजा कर भगवान सूर्य की आराधना करते हैं. पंडित जितेंद्र जी महाराज बताते हैं कि मकर संक्रांति हिंदू समाज के लिए बड़े पर्व में शुमार है और इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से पूर्व भक्त गंगा नदी के साथ साथ अन्य नदियों में स्नान कर तिल और गुड़ प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं.
तिलकुट के कारोबारियों ने बताया कि बाजार में तिलकुट बनाने वाले कर्मचारी ज्यादातर बिहार के हैं. तिलकुट खरीदारी करने पहुंचे ग्राहकों ने बताया कि इस वर्ष बाजार में कई वैरायटी के तिलकुट है. उन्होंने कहा कि तिलकुट 200 रुपये से 400 रुपये किलो तक मिल रहे है.