झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रामनवमी विशेष: जानिए लोग क्यों घर पर लगाते हैं महावीरी पताका - occasion of Ram Navami

पूरे देश में रामनवमी की धूम दिखाई दे रही है. झारखंड की राजधानी रांची में भी शहर महावीरी पताका से पटा हुआ है. रामनवमी के मौके पर घरों में महावीरी झंडा लगाने का महत्व है. इस अवसर पर रामभक्त हनुमान की पूजा के बाद बजरंगी झंडा लगाने की परंपरा है. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, भगवान हनुमान के झंडा की धार्मिक मान्यता क्या है.

importance-of-putting-mahaviri-flag-in-houses-on-occasion-of-ram-navami
रामनवमी

By

Published : Apr 9, 2022, 7:09 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 7:34 PM IST

रांचीः झारखंड सहित देशभर में रामनवमी को लेकर उत्साह चरम पर है. भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को यादगार तरीके से मनाने में जुटे श्रद्धालु रामभक्त हनुमान की पूजा उसी आस्था और भक्ति के साथ करते हैं. इस मौके पर घरों पर बजरंगी झंडा लगाने की परंपरा है. मान्यता यह है कि घर पर महावीरी झंडा लगाने से सुख, समृद्धि आती है और रामभक्त हनुमान उनके सारे कष्टों को हर लेते हैं.

इसे भी पढ़ें- 285 साल पहले अंग्रेज अफसर ने की थी प्राचीन तपोवन मंदिर की स्थापना, जानिए रामनवमी से जुड़ी क्या है मान्यता

रामनवमी के मौके पर घरों में महावीरी झंडा लगाने का महत्व है. शायद यही वजह है कि घर से लेकर अखाड़ों में झंडा की पूजा कर बड़े ही विधि-विधान के साथ लोग रामनवमी जुलूस निकालकर खुशी का इजहार करते हैं. श्रद्धालु सुशील कुमार पांडे की मानें तो झंडा या पताका लगाने का विधान सभी धर्मों में है. लेकिन रामनवमी के अवसर पर लगने वाला महावीरी झंडा अपने आप में सनातन धर्मावलंबियों के लिए खास है. रामभक्त हनुमान के नाम से जाने जानेवाला महावीरी झंडा यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम का प्रतीक है. तपोवन मंदिर के महंथ ओमप्रकाश शरण के अनुसार जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकरात्मक उर्जा दूर चली जाती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


महावीरी झंडा की धार्मिक मान्यताः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के समय अर्जुन के रथ पर यही महावीरी पताका लगा था, जो उस रथ के साथ-साथ अर्जुन की भी रक्षा कर रहा था. हिन्दू समाज में घरों में स्वास्तिक, ॐ या रामभक्त हनुमान के नाम पर झंडा लगाने की परंपरा रही है. इसके पीछे मान्यता यह है कि इस पताका के जरिए यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम दूर दूर तक फैलेगा. इसीलिए आदिकाल में जब युद्ध में या किसी अन्य कार्य में विजय प्राप्त होती थी तो ध्वजा लहराई जाती थी.

महावीरी ध्वज का सनातन धर्म में विशेष महत्व एवं आस्था रही है. ध्वज की छत्र छाया में पर्यावरण की शुद्धिकरण से सभी को लाभ मिलता है. शास्त्रों में भी ध्वजारोहण का विशेष महत्व बताया गया है झंडे या पताका आयताकार या तिकोना होता है जिस पर कुछ विशिष्ट धर्मों के चिन्ह बने होते हैं, जो किसी जाति, दल, राष्ट्र, संप्रदाय या समाज का प्रतीक चिन्ह होता है. इसे घरों, मंदिरों, जुलूसों में फहराया जाता है.


ध्वजा का धार्मिक महत्वः घर पर ध्वजा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. झंडा या ध्वजा को वायव्य कोण यानी उत्तर पश्चिम दिशा में जरूर लगाना चाहिए. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम कोण यानी वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है. ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर की सुख व समृद्धि बढ़ती है. घरों में पीला, सिंदूरी, लाल या केसरिया रंग के कपड़े पर स्वास्तिक, ॐ या भगवान हनुमान का चित्र लगा हुआ झंडा लगाना चाहिए इससे सकारात्मक उर्जा का संचार होता है.

Last Updated : Apr 9, 2022, 7:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details