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सरकार से स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई की मांग, लामबंद हुए IMA झासा और चिकित्सक

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Published : Jan 10, 2021, 5:16 PM IST

रांची के आईएमए भवन में आईएमए झासा सहित चिकित्सकों ने बैठक की. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सचिव की ओर से दिए गए बयान को लेकर सरकार से कार्रवाई की मांग की. इसके साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि कार्रवाई ना होने पर चिकित्सक किसी भी हद तक जाने को मजबूर हो जाएंगे.

ima jhasa and doctors meeting held in ranchi
IMA झासा और चिकित्सकों की बैठक आयोजित

रांची:30 दिसंबर को झारखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी की ओर से दिए गए बयान को लेकर डॉक्टरों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. स्वास्थ्य सचिव के बयान पर राज्य भर के डॉक्टर लगातार सरकार से स्वास्थ्य सचिव के अमर्यादित बयान को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर आईएमए झासा सहित चिकित्सकों के अन्य संगठनों ने रांची के आईएमए भवन में बैठक की. जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अगर स्वास्थ्य सचिव की ओर से दिए गए बयान को लेकर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य के चिकित्सक किसी भी हद तक जाने को मजबूर हो जाएंगे.

IMA झासा और चिकित्सकों की बैठक

स्वास्थ्य सचिव पर हो कार्रवाई
आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉक्टर एके सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव जैसे बड़े पद पर रहने के बाद इस तरह का अमर्यादित बयान देना कहीं से भी सही नहीं है. वहीं उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया के लोग घर में बंद अपनी जान बचाने में लगी थी, वहीं पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के चिकित्सक घर से बाहर निकल कर और अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचा रहे थे. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य सचिव डॉक्टरों की प्रशंसा करने की जगह उनका मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं.

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डॉक्टर किसी भी हद तक जाने के लिए बाध्य
आईएमए महिला विंग की सचिव डॉ प्रभा रानी ने बताया कि एक तरफ पूरा देश डॉक्टरों के कार्य को लोहा मान रही है, वहीं अपने ही राज्य के और स्वास्थ्य विभाग के सबसे उच्च अधिकारी अपने ही चिकित्सकों पर अमर्यादित टिप्पणी कर उन्हें बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी का बयान डॉक्टरों के सम्मान को कम करता है. इसीलिए सरकार से मांग करते हैं कि स्वास्थ्य सचिव पर कार्रवाई करें. ऐसा ना होने पर राज्यभर के डॉक्टर और सभी चिकित्सक संगठन किसी भी हद तक जाने को बाध्य हो जाएंगे.

वहीं डॉ प्रभा रानी ने बताया कि अगले एक सप्ताह का समय राज्यभर के चिकित्सकों ने सरकार को देने का काम किया है, अगर एक सप्ताह में सरकार स्वास्थ्य सचिव पर उचित कार्रवाई नहीं करती है तो चिकित्सकों को अपना सम्मान बचाने के लिए खुद आगे आना पड़ेगा.

क्या था स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का बयान ?
30 दिसंबर को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने बयान दिया था कि डॉक्टर अधिक दहेज लेने के लिए पढ़ाई करते हैं या फिर उन्हें काम नहीं करना पड़े इसलिए वे इस पेशे में आते हैं. जिसके बाद राज्य भर के डॉक्टरों ने विरोध जताना शुरू कर दिया.

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