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शराब तस्करी का नया खेलः नॉर्थ ईस्ट की शराब हरियाणा पंजाब होते हुए पहुंच रही झारखंड-बिहार - महंगी बोतल में नकली शराब

अवैध शराब की तस्करी (Illegal liquor smuggling) का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है. नॉर्थ ईस्ट की शराब हरियाणा पंजाब होते हुए बिहार-झारखंड पहुंच रही है. इतना ही नहीं महंगी ब्रांड की बोतलों में नकली शराब भरकर धड़ल्ले से बेची जा रही है.

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अवैध शराब की तस्करी

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Published : Jun 2, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Jun 2, 2022, 7:10 PM IST

रांचीः शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर है, जो लोग यह सोचकर शराब पी रहे हैं कि यह एक बेहतरीन ब्रांड है उनके लिए यह सिर्फ एक छलावा है. क्योंकि महंगी ब्रांड के बोतलों में नार्थ ईस्ट में बिकने वाली बेहद कम दाम वाली शराब भरकर धड़ल्ले से बेची जा रही है. झारखंड बिहार के शराब तस्करों का लिंक नॉर्थ ईस्ट से जुड़ा हुआ है और इसी लिंक का इस्तेमाल करके वो महंगी बोतल में नकली शराब लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

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बड़ा नेटवर्क कर रहा कामः केवल अरुणाचल प्रदेश में बिक्री के लिए, इसके नाम पर शराब के तस्कर चांदी काट रहे हैं. कागजों में पंजाब की डिस्टलरी द्वारा शराब को केवल अरुणाचल में बेचने के लिए तैयार किया जाता है. क्योकि अरुणाचल में शराब टैक्स फ्री होती है. लेकिन यह शराब झारखंड होते हुए ड्राई स्टेट बिहार में बेची जा रही है. इससे हर साल सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान तो हो रहा है, साथ ही लोगों का लिवर भी डैमेज हो रहा है.

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अरुणाचल प्रदेश के लिए पंजाब और हरियाणा से कम कीमत वाली शराब जो टैक्स फ्री होती है बड़ी मात्रा में भेजी जाती है. पंजाब और हरियाणा से बोतलें पेटियों में बंद कर डिस्टलरी की तरफ से निकाली जाती हैं. लेकिन ज्यादातर शराब रास्ते में ही तस्करों द्वारा खपा दी जाती है. उत्पाद विभाग और शराब तस्करों की मिलीभगत से अरुणाचल जाने वाली शराब की खेप झारखंड पहुंचा दिया जाता है. उसके बाद झारखंड में इसे अलग अलग ब्रांड की बोतलों में भरकर बिहार में तस्करी के जरिए भेज दिया जाता है.

रांची में सक्रिय दर्जनों तस्करः राजधानी में शराब तस्करों के बड़े नामों में गणेश गोराई, बालकरण, अजय साहू, संजय साहू और संजय यादव जैसे लोग शामिल हैं. इन सभी का नेटवर्क चंडीगढ़ से निकलकर अरुणाचल जाने वाली शराब की तस्करी के लिए काम करता है. सस्ती दर वाली शराब चंडीगढ़ से मंगवाकर रांची में रिपैकेजिंग करवाकर बिहार और रांची के लोकल बाजार में बेचता है. इसके लिए उसने ट्रांसपोर्ट, सप्लायर सहित पूरा नेटवर्क तैयार कर रखा है.

सस्ती कीमत की शराब चंडीगढ़ से निकलकर गढ़वा, पलामू, लातेहार, कुड़ू के रास्ते से होकर रांची तक पहुंचता है. जबकि संबंधित सप्लायर के पास अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए पास भी बना होता है. उत्पाद विभाग और पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है. प्रसुन के खिलाफ बिहार में भी कई मामले दर्ज हैं, जिसे उत्पाद विभाग और पुलिस की टीम खंगाल रही है.

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लग्जरी गाड़ियों से हो रही अवैध शराब की तस्करीः पुलिस के जांच में यह साफ हो चुका है कि लग्जरी वाहनों के जरिए शराब की तस्करी चल रही है. हरियाणा से रांची आने के बाद फिर झारखंड के नंबर वाली गाड़ी से इसे बिहार भेजा जाता है. इसका खुलासा बीते महीने पुलिस की गिरफ्त में आए अपराधियों ने किया है. शराब तस्करों को रांची से शराब तस्करी (liquor smuggling in Jharkhand) करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती. शराब तस्कर सुरक्षा व्यवस्था में चूक का फायदा उठाते हैं और आसानी से शराब को डिमांड वाले स्थान तक पहुंचा देते हैं. शराब की सबसे ज्यादा डिमांड बिहार में रहती है. यहां शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जिस वजह से दूसरे राज्यों से चोरी-छिपे शराब बिहार भेजी जाती है, इसे यहां ऊंचे दामों पर बेचा जाता है.

पुलिस लगातार कर रही कार्रवाईः इन दिनों शराब तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है, पुलिस को इसमें सफलता भी मिल रही है. दो महीने पहले पुलिस ने शराब तस्करी करने वाले विपिन कुमार सिंह नामक माफिया को गिरफ्तार किया है. विपिन को बरियातू थाना क्षेत्र से अरेस्ट किया गया था. बिहार पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी. वहीं मार्च में कांके थाना क्षेत्र से भी तीन शराब तस्कर पकड़े गए थे. वहीं 129 कार्टन शराब के साथ शराब तस्करों को दशमफॉल थाना की पुलिस ने एनएच 33 में वाहन चेकिंग अभियान के दौरान पकड़ा.

इससे पहले भी शराब तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं. कई बार अवैध शराब भट्ठियों का भी पुलिस ने खुलासा किया है. जहां से नकली बोतल, स्टीकर, मशीन और कई सामान बरामद कर चुके हैं. बार-बार पुलिसिया कार्रवाई के बावजूद यह गोरखधंधा बंद नहीं हो रहा है. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम के अनुसार पुलिस शराब तस्करों के खिलाफ टीम बनाकर कार्रवाई कर रही है. पुलिस का कहना है कि संदेहात्मक स्थानों पर पुलिस ने अपने स्पाई छोड़ रखे हैं. गुप्त सूचना के आधार पर लगातार कार्रवाई हो रही है. जिसमें पुलिस को सफलता भी मिल रही है.

Last Updated : Jun 2, 2022, 7:10 PM IST

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