रांची: वर्ष 1960 से 1990 तक एशिया का मातृ उद्योग के रूप में जाने जानी वाली एचईसी कंपनी के पुनर्जीवन की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है. नतीजतन कंपनी के इंजीनियर वेतन नहीं मिलने की वजह से सड़क पर पकौड़े बेचते नजर आ रहे हैं (HEC Engineer Protests).
आईआईटी और बीआईटी जैसे संस्थान से पढ़कर एचईसी में इंजीनियर बने लोग पकौड़े तलने को मजबूर, जानें क्यों?
शनिवार को रांची में सड़क पर आईआईटी और बीआईटी जैसे संस्थान से पढ़कर एचईसी में इंजीनियर बने लोग पकौड़े तलते नजर आए (HEC Engineer Protests). इस घटना के पीछे की वजह क्या रही, जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट.
दरअसल, एचईसी के पदाधिकारियों को पिछले 13 महीनों से वेतन नहीं मिला है तो कर्मचारियों को पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा है. इसको लेकर कर्मचारी कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन कुछ होता न देख अब कर्मचारियों ने विरोध का नया तरीका अपनाया है. यहां के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रबंधन के कान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अब एचईसी मुख्यालय के सामने पकौड़ी तलना शुरू कर दिया है, ताकि प्रबंधन अपने कर्मचारियों की खराब आर्थिक हालत पर गौर फरमाए और उन्हें वेतन दे.
लेकिन एचईसी के प्रबंधन ने इंजीनियर की ऐसी हालत कर दी है कि आज वह सड़क पर पकौड़े तलने को मजबूर हो गए हैं. पकौड़े तल रहे इंजीनियर ने कहा कि यदि भारत सरकार और एचईसी प्रबंधन उनके इस तरह के विरोध को देखकर भी कामगारों का वेतन नहीं देता है तो यह निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण होगा.