झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आईआईएम करेगा ट्रेंड, स्कूल बनेंगे मॉडर्न, बच्चे होंगे स्मार्ट - सीबीएसई से एफिलिएटेड होंगे स्कूल

झारखंड के मॉडल स्कूल, लीडर स्कूल और शिक्षकों के साथ-साथ स्मार्ट ट्रेनिंग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रयासरत हैं. इसे लेकर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के साथ बृहद रूप से चर्चा की गई. इस दौरान सीएम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए.

IIM will give training to teachers of government schools in jharkhand
सीएम हेमंत

By

Published : Feb 12, 2021, 6:13 PM IST

रांची:मॉडल स्कूल, लीडर स्कूल और शिक्षकों के साथ-साथ स्मार्ट ट्रेनिंग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार चर्चा कर रहे हैं. इसी कड़ी में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के साथ इन योजनाओं को लेकर बृहद रूप से चर्चा की गई. मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए हैं.

इसे भी पढे़ं: JPSC की कार्यशैली से राज्यपाल असंतुष्ट, अध्यक्ष और सदस्यों से नाराज

झारखंड के गरीब, किसान, वंचित, पिछड़ों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने पंचायत स्तर पर मॉडल स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं और मॉडल स्कूल के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया है. सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में 27 मॉडल स्कूल शुरू करने की घोषणा की है. हर जिले के जिला स्कूल मनोनीत अन्य स्कूलों का चयन किया गया है. घोषित 27 मॉडल स्कूलों की निविदा की प्रक्रिया हो चुकी है. इसी चरण में 53 स्कूलों के लिए निविदा आमंत्रित की जानी है. दूसरे चरण में 500 स्कूल और तीसरे चरण में सभी पंचायतों में मॉडल स्कूल की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास होगा. मॉडल स्कूल के मामले की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री खुद कर रहें हैं, ताकि झारखंड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके.



सीबीएसई से एफिलिएटेड होंगे स्कूल
राज्य के प्रस्तावित सभी 27 मॉडल स्कूलों को सीबीएसई से सम्बद्धता दिलाई जाएगी. झारखंड के प्रस्तावित अन्य 53 मॉडल स्कूलों को भी सीबीएसई से सम्बद्धता दिलाने का कार्य होगा. पहले चरण में 80 स्कूल मॉडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे. भविष्य में योजना का विस्तार करते हुए राज्य के लाखों बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है. मॉडल स्कूल योजना को राज्य के लिए फ्लैगशिप योजना के रूप में लिए जाने का संकल्प है, ताकि सरकारी विद्यालयों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया जा सके.

इसे भी पढे़ं: धनबाद के कॉस्मेटिक दुकानों में छापेमारी, 10 हजार पीस से अधिक नकली प्रोडक्ट जब्त

मेधा के अनुरूप बच्चों का होगा चयन
आदर्श विद्यालय में पूर्व प्राथमिक कक्षा से लेकर कक्षा 12वीं तक की पढाई होगी. प्रस्तावित स्कूलों में एक हजार से 1200 विद्यार्थियों के शिक्षण की व्यवस्था और आवश्यकतानुसार संख्या में वृद्धि करने की योजना है. बच्चों का चयन उनकी मेधा के अनुरूप टेस्ट लेकर किया जाएगा. प्रारंभिक कक्षाओं के लिए स्कूल के निकट रहने वाले अभिभावकों के बच्चों को प्राथमिकता दी जा सकती है.



पढ़ने की क्षमता के साथ अंग्रेजी बोलने का विकास
मॉडल स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं पुस्तक पढ़ने की क्षमता प्राप्त कर सके, इसके लिए आओ पढ़ें, खूब पढ़ें पठन अभियान शुरू करने की योजना है. बच्चों के लिए पुस्तक पठन की लक्षित कक्षा का संचालन किया जायेगा. पठन सामग्री के रूप में पुस्तकें, कहानियां और आलेख को पढ़ने का अभ्यास कराया जाएगा, साथ ही बच्चों को अंग्रेजी बोलने की क्षमता विकसित करने के लिए इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं और एनसीईआरटी, एनईआईपी का सहयोग प्राप्त किया जायेगा. स्कूलों में लैंग्वेज लैब की स्थापना के साथ स्पोकेन इंग्लिश कोर्स तैयार कर विद्यालयों में संचालित किए जाएंगे.

इसे भी पढे़ं: कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया के जरिए अपने विरोधियों को देगी जवाब, 5 लाख सदस्य बनाने का है लक्ष्य


प्रिंसिपल और शिक्षकों की क्षमता विकास पर भी ध्यान
स्कूल संचालन का नेतृत्व करने वाले प्रधानाध्यापकों के पठन-पाठन क्षमता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए आईआईएम, एक्सएलआरआई, एनसीईआरटी, एनईआईपी जैसी संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना है. स्कूलों में विषयवार पदस्थापित शिक्षकों की तकनीकी क्षमता के विकास एवं कक्षा संचालन प्रक्रिया, छात्र केन्द्रित अध्यापन के लिए नियमित रूप से शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. एनसीईआरटी एवं डाइट को पूर्ण रूप से शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रभावी बनाया जाएगा, साथ ही शिक्षकों के मूल्यांकन की सतत व्यवस्था, राज्य शिक्षक परिवर्तन दल के माध्यम से विद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार, प्रेरणा शिविर, शिक्षकों का शैक्षिक परिदर्शन समेत अन्य उन्मुखी कार्यक्रम के जरिये क्षमता विकास किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details