रांची:मॉडल स्कूल, लीडर स्कूल और शिक्षकों के साथ-साथ स्मार्ट ट्रेनिंग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार चर्चा कर रहे हैं. इसी कड़ी में स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के साथ इन योजनाओं को लेकर बृहद रूप से चर्चा की गई. मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए हैं.
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झारखंड के गरीब, किसान, वंचित, पिछड़ों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने पंचायत स्तर पर मॉडल स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं और मॉडल स्कूल के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया है. सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में 27 मॉडल स्कूल शुरू करने की घोषणा की है. हर जिले के जिला स्कूल मनोनीत अन्य स्कूलों का चयन किया गया है. घोषित 27 मॉडल स्कूलों की निविदा की प्रक्रिया हो चुकी है. इसी चरण में 53 स्कूलों के लिए निविदा आमंत्रित की जानी है. दूसरे चरण में 500 स्कूल और तीसरे चरण में सभी पंचायतों में मॉडल स्कूल की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास होगा. मॉडल स्कूल के मामले की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री खुद कर रहें हैं, ताकि झारखंड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सके.
सीबीएसई से एफिलिएटेड होंगे स्कूल
राज्य के प्रस्तावित सभी 27 मॉडल स्कूलों को सीबीएसई से सम्बद्धता दिलाई जाएगी. झारखंड के प्रस्तावित अन्य 53 मॉडल स्कूलों को भी सीबीएसई से सम्बद्धता दिलाने का कार्य होगा. पहले चरण में 80 स्कूल मॉडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे. भविष्य में योजना का विस्तार करते हुए राज्य के लाखों बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है. मॉडल स्कूल योजना को राज्य के लिए फ्लैगशिप योजना के रूप में लिए जाने का संकल्प है, ताकि सरकारी विद्यालयों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया जा सके.
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मेधा के अनुरूप बच्चों का होगा चयन
आदर्श विद्यालय में पूर्व प्राथमिक कक्षा से लेकर कक्षा 12वीं तक की पढाई होगी. प्रस्तावित स्कूलों में एक हजार से 1200 विद्यार्थियों के शिक्षण की व्यवस्था और आवश्यकतानुसार संख्या में वृद्धि करने की योजना है. बच्चों का चयन उनकी मेधा के अनुरूप टेस्ट लेकर किया जाएगा. प्रारंभिक कक्षाओं के लिए स्कूल के निकट रहने वाले अभिभावकों के बच्चों को प्राथमिकता दी जा सकती है.