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कोल्हान बना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती, नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में बाधक साबित हो रहा आईईडी

कोल्हान में आईईडी धमाके की गूंज पूरे राज्य में सुनाई दे रही है. नक्सलियों के लगाए आईईडी झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनकर उभर रही है. लैंडमाइंस धमाके से ग्रामीणों की मौत लगातार हो रही है. वहीं सुरक्षाबल भी इससे जख्मी हो रहे हैं. नक्सलियों के खिलाफ अभियान में ये आईईडी पुलिस के बाधक बनते नजर आ रहे हैं.

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Published : May 26, 2023, 3:51 PM IST

Updated : May 26, 2023, 4:37 PM IST

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रांचीः झारखंड के कोल्हान प्रमंडल में पुलिस और नक्सलियों के बीच निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है. पुलिस कोल्हान की जंग कब के जीत गई होती लेकिन नक्सलियों द्वारा जंगली इलाकों में अपने बचाव के लिए लगाए गए आईईडी इस जंग को जीतने में बाधक बन गए हैं. इसका नतीजा ये हो रहा है कि कोल्हान के जंगल हर दूसरे तीसरे दिन आईईडी विस्फोट से थर्रा रहा है. बारूदी सुरंग विस्फोट में कभी सुरक्षा बल घायल हो रहे हैं तो कभी किसी ग्रामीण की जान जा रही है.

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चाईबासा में लैंडमाइंस विस्फोट की बानगी ऐसी कि कोल्हान का गोइलकेरा थाना क्षेत्र हो या टोंटो थाना क्षेत्र, यहां के सुदूर और जंगली इलाकों में लगातार धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है. नक्सलियों ने कोल्हान के इलाके में खुद को बचाने के लिए ऐसा चक्रव्यू बनाया है जिसे भेद पाने में झारखंड पुलिस अब तक कामयाब नहीं हो पाई है. इस वजह से कोल्हान में लगातार आईईडी की चपेट में आने से ग्रामीणों की जान जा रही है, उनके पशु भी इसमें मारे जा रहे हैं. ग्रामीणों की मौत का आंकड़ा रुकने के बजाय हर दिन बढ़ता ही जा रहा है. जंगल में जाना ग्रामीणों के लिए मजबूरी है तो नक्सलियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों के लिए भी जंगलों में उतरना बेहद जरूरी.

बेबस हैं ग्रामीणः ऐसे में ग्रामीणों और सुरक्षा बलों, दोनों का ही बारूदी सुरंगों से सामना हो रहा है. इसके आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं, पिछले साल नवंबर महीने से लेकर अब तक झारखंड पुलिस के 18 जवान नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईडी विस्फोट की वजह से घायल हुए हैं. लेकिन उससे बुरी स्थिति ग्रामीणों की है. नक्सलियों द्वारा लगाए गए बारूदी सुरंग में विस्फोट से अब तक 10 ग्रामीण अपनी जान गवां चुके हैं जबकि कई अपंग हो चुके हैं.

सुरक्षाबलों को लगातार बनाया जा रहा निशानाः कोल्हान के रेंगरा, टोंटो और टुम्बाहाता तीन ऐसे इलाके हैं, जहां के जंगलों में कदम कदम पर जमीन के नीचे नक्सलियों ने मौत का सामान बिछा कर रखा है. इन जंगली इलाकों में विस्फोट होने की वजह से 11 ग्रामीण अपनी जान गंवा चुके हैं. स्थिति यह है कि बाइक से भी जंगल में अभियान पर निकले जवान लैंड माइंस का शिकार हो रहे हैं.

कोबरा के जवान सबसे ज्यादा हुए हैं घायलः पिछले साल नवंबर महीने से कोल्हान इलाके में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच घमासान मचा हुआ है. इस जंग में सबसे ज्यादा नुकसान कोबरा के जवानों को उठाना पड़ा है. 209 कोबरा बटालियन के जवान हर हाल में कोल्हान से नक्सलियों को खदेड़ने या फिर मार गिराने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में नुकसान सबसे ज्यादा कोबरा के जवानों को ही हुआ है.

लगातार घायल हो रहे जवानः नवंबर 2022 से लेकर अब तक 16 सुरक्षा बल कोल्हान में आईईडी विस्फोट की वजह से घायल हुए हैं. 209 कोबरा बटालियन के इंस्पेक्टर प्रभाकर साहनी, हवलदार अलख दास, मुकेश कुमार सिंह, अजय लिंडा, भरत सिंह राय, फारुकी शाहरुख खान, वीरपाल सिंह, प्रिंस सिंह, अमरेश सिंह, सौरभ कुमार, संतोष और चिरंजीव पात्रे विस्फोट में घायल हुए हैं. इनमें से अधिकांश जवान चोट से उबर चुके हैं लेकिन कई अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं सीआरपीएफ के कई जवान कोल्हान में घायल हुए हैं, उनमें इंशार अली, राकेश कुमार पाठक, पंकज कुमार यादव और संजीव कुमार शामिल हैं.

आईईडी धमाके में जवान जख्मी

नवंबर 2022 से अब तक 11 ग्रामीण मारे गएः कोल्हान में सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की वजह से अब तक 11 ग्रामीण अपनी जान गवां चुके हैं जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हुए. 20 नवंबर 2022 को चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र में लैंडमाइंस विस्फोट में ग्रामीण चेतन कोड़ा की मौत हो गई. 28 दिसंबर 2022 को गोइलकेरा में हुए लैंडमाइंस विस्फोट में 23 वर्षीय सिंगराय पूर्ति की मौत हो गई. 24 जनवरी 2023 को नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी में विस्फोट होने से कट्ंबा का एक 13 वर्षीय बालक गंभीर रूप से घायल हो गया.

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21 फरवरी को चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के मेरालगड़ा के पास लैंडमाइंस विस्फोट में 23 वर्षीय ग्रामीण हरीश चंद्र गोप की मौत हो गई. 23 फरवरी 2023 को चाईबासा के टोंटो थाना के रुकबुरु में जंगल मे लकड़ी चुनने गई बुजुर्ग महिला जेमा हांसदा लैंड माइंस विस्फोट में बुरी तरह से जख्मी हुई. 1 मार्च 2023 को चाईबासा के इचाहातु में लैंड माइंस विस्फोट में कृष्ण पूर्ति नाम के एक बुजुर्ग की मौत हो गई. 1 मार्च 2023 को ही इचाहातु में ही हुए विस्फोट में 50 वर्षीय महिला नंदी पूर्ति गंभीर रूप से घायल हो गईं. 25 मार्च 2023 को चाईबासा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में हुए लैंडमाइंस विस्फोट में 62 वर्षीय महिला गुरुवारी की मौत हो गई. वहीं इसी विस्फोट में एक बुजुर्ग महिला चांदू गम्भीर रूप से जख्मी हो गई.

आईईडी धमाके में मारे गए ग्रामीण

9 अप्रैल 2023 और 14 अप्रैल 2023 को भी चाईबासा के टोंटो में हुए आईईडी विस्फोट में एक 6 साल का बालक और एक बुजुर्ग जख्मी हो गए. 14 अप्रैल 2023 को 35 वर्षीय जेना कोड़ा की भी मौत हो गई. 20 मई 2023 को विस्फोट में टोंटो थाना क्षेत्र में विस्फोट में दस वर्षीय मासूम नारा कोड़ा की मौत हो गई. 25 मई 2023 को विस्फोट में टोंटो थाना क्षेत्र के लुइया जंगल मे विस्फोट में 50 वर्षीय कांडे लांगुरी की मौत हो गई.

नक्सली अपनी जान बचाने के लिए ग्रामीणों को बना रहे निशानाः झारखंड के नक्सलवाद के इतिहास में नक्सली संगठन हमेशा से ग्रामीणों को अपना निशाना बनाते रहे हैं. कभी मुखबिर के नाम पर तो कभी पनाह नहीं देने के नाम पर आम लोगों को प्रताड़ित किया जाता रहा है. लेकिन पुलिस के अभियान के बाद परिस्थितियां बिल्कुल बदल गई हैं. झारखंड के अधिकांश नक्सल होल्ड से माओवादियों को खदेड़ दिया गया है.

लेकिन कोल्हान में कुछ ऐसे भी क्षेत्र है, जहां नक्सली अभी भी अपने आप को बचाने में कामयाब हुए हैं उनकी यह कामयाबी ग्रामीणों के खून से तैयार की गई है. घनघोर बीहड़ों में नक्सलियों ने खुद को बचाने के लिए पूरे जंगल में ही लैंडमाइंस बिछा दिया है. लैंडमाइंस ऐसे जंगलों में बिछाए गए हैं जहां ग्रामीणों का रोज आना जाना होता है, जिससे ग्रामीण लैंडमाइंस विस्फोट में अपनी जान गंवा रहे हैं. झारखंड डीजीपी अजय सिंह ने बताया कि कोल्हान में सबसे ज्यादा मुश्किल में वहां के ग्रामीण हैं. ऐसे में हर हाल में कोल्हान को नक्सलियों से मुक्त करवाने की कार्रवाई की जा रही है जिसमें जल्द ही कामयाब भी मिलेगी.

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Last Updated : May 26, 2023, 4:37 PM IST

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