रांची:साल 2023 की विदाई और साल 2024 के आगमन की घड़ी आने वाली है. ऐसे में हर किसी की तरह राजनीतिक दलों के नेता भी यह हिसाब लगाने में जुटे हैं कि मौजूदा साल उनके लिए कैसा रहा और उन्हें 2024 से क्या उम्मीदें हैं. राज्य की सत्ता में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस भी इसके आकलन में जुटी है .
प्रदेश कांग्रेस के लिए साल 2023 की बात करें तो यह साल पार्टी के लिए मिला-जुला रहा. साल 2023 में हुए रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और पार्टी सत्ता में होने के बाद भी सीट नहीं बचा पाई. 2023 झारखंड कांग्रेस के लिए गुटबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के लिए भी याद रखा जाएगा. कांग्रेस को प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता, सचिव साधु शरण यादव और लाल किशोर नाथ शाहदेव को छह साल के लिए निलंबित करने की कार्रवाई करनी पड़ी.
बूथ से लेकर जिला कमेटी का गठन:वर्ष 2023 झारखंड कांग्रेस के लिए इस मायने में संतोषजनक रहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में राज्य में साल भर का संगठन सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाया गया. जब राज्य में राजनीतिक मामलों की समिति और अनुशासन समिति का गठन किया गया, तो कई विभागों के पार्टी पदाधिकारियों के रिक्त पद भरे गए. वहीं, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं में नेतृत्व विकास के लिए एलडीएम कार्यक्रम को एक मिशन के रूप में चलाया गया.
चलाया गया 'आ अब लौट चले' कार्यक्रम:इस साल उन कांग्रेस नेताओं की वापसी के लिए 'आब अब लौट चले' कार्यक्रम चलाया गया, जिन्होंने किसी कारण से पार्टी छोड़ दी थी, जबकि 'हाथ से हाथ जोड़ो' कार्यक्रम भी चलाया गया. पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव और हजारीबाग के कद्दावर नेता मुन्ना सिंह की पार्टी में घर वापसी हुई.
पार्टी पदाधिकारियों को बोर्ड निगम में मिली जगह: साल 2023 कांग्रेस के लिए इस मायने में भी यादगार रहा क्योंकि इस साल महागठबंधन सरकार में हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड, झारखंड राज्य आवास बोर्ड, झारखंड राज्य गौ सेवा आयोग, कृषि विपणन बोर्ड, झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग, युवा आयोग में पार्टी पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण पद मिले. 15 सूत्री और 20 सूत्री में पार्टी नेताओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व भी मिला.