रांची:झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल से ही अपनी सल्तनत चला रहे हैं. अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, लवकुश शर्मा, लखन सिंह, कालू लामा जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं.
खौफ का बिजनेस
खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी रंगदारी देने वालों की सुरक्षा नहीं मिल पाती. मामले पुलिस तक पहुंचते हैं लेकिन सटीक करवाई नहीं हो पाने की वजह से अपराधी लगातार अपने मंसूबों में कामयाब होते रहते हैं. जेल से रंगदारी के बढ़ते मामलों को लेकर झारखंड पुलिस भी बैकफुट पर है और नई रणनीति के तहत काम करने की कोशिश कर रही है. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार यह सही है कि कुछ गैंगस्टर्स जेल से ही अपने गैंग का संचालन कर रहे हैं. हालांकि, पुलिस भी अपनी कार्रवाई लगातार कर रही है. पुलिस की टीम वैसे सभी अपराधियों पर नजर रखी हुई है जो हाल के दिनों में जेल से छूट कर बाहर आए हैं या फिर उनके आका जेल में बंद हैं और वे उनके इशारे पर काम करते हैं.
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घातक हथियारों से लैस है कई गैंग्स, अधिकांश के निशाने पर कोयला कारोबारी
जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद सुजीत सिन्हा और रांची जेल में अंडा सेल में बंद अमन साव के गिरोह के पास एके-47 और कार्बाइन जैसे हथियार हैं. वहीं 200 से अधिक पिस्टल का जखीरा गिरोह के सदस्यों ने रखा है. पुलिस की जांच में गिरोह के द्वारा हथियार जुगाड़ने के पूरे नेटवर्क और उसमें शामिल लोगों की जानकारी मिली है. वहीं जांच में इस बात का पता चला है कि गिरोह के निशाने पर राज्य के कई बड़े कोयला कारोबारी हैं.
कोल कारोबारियों से गिरोह के सदस्यों ने रंगदारी भी मांगी थी. वहीं गिरोह के द्वारा नौ लोगों को निशाने पर रखा गया था, जिसके खिलाफ आपराधिक गिरोह की योजना पर फौरी कार्रवाई की थी. हालांकि, पुलिस को इस संबंध में वक्त रहते जानकारी मिल गई. इस वजह से सब की जान बच गई. दूसरी तरफ राजधानी रांची का तो और बुरा हाल है. रांची के कई ऐसे अपराधी जो कभी गैंग्स के लिए काम करते थे अब वे अपने खुद का गैंग बनाकर रंगदारी का धंधा चला रहे हैं. हाल के दिनों में कालू लामा नाम का अपराधी अपराध की दुनिया में उभरकर सामने आया है कालू लामा पहले बड़े अपराधियों के लिए काम करता था.
कौन कौन से गैंग्स है सक्रिय
सुजीत सिन्हा: क्रिमिनल को हायर कर करता है रंगदारी का धंधा
वर्तमान समय में सुजीत सिन्हा झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. सुजीत सिन्हा जमशेदपुर जेल में बंद है लेकिन वहीं से वह अपने गिरोह को चला रहा है. सुजीत के गिरोह चलाने का तरीका बिल्कुल अलग है. उसके गिरोह में मात्र 5 से 6 लोग परमानेंट है, बाकी क्रिमिनल्स को वह पैसे देकर हायर करता है. वर्तमान में इस गिरोह की सांठगांठ नक्सलियों के साथ भी सामने आई है जिसके बाद कई मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के द्वारा किया जा रहा है.
अखिलेश सिंह: गिरोह में 50 सदस्य
अपराध की दुनिया में झारखंड में अगर किसी को डॉन की उपाधि मिली है तो वह है अखिलेश सिंह. अखिलेश सिंह को बड़ी मुश्किलों के बाद पुलिस ने गुड़गांव से गिरफ्तार किया था. उसके बाद से ही वह दुमका जेल में बंद है लेकिन 50 से अधिक सक्रिय गिरोह के सदस्य उसकी सल्तनत को पूरे झारखंड सहित दूसरे राज्यों में भी कायम रखे हुए हैं.
अनिल शर्मा: आजीवन कारावास, गैंग में 35 सदस्य
राजधानी के पुराने गैंगस्टरों में अनिल शर्मा का नाम सबसे ऊपर आता है. अनिल शर्मा फिलहाल जेल में बंद है लेकिन उसके गुर्गे बड़े व्यापारियों से लेकर रेलवे और दूसरे ठेकेदारों से रंगदारी वसूल करते हैं.
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लवकुश शर्मा: जेल में, गैंग में 12 सदस्य
पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप सिंह से एक करोड़ की रंगदारी और पैसे नहीं मिलने पर दिनदहाड़े इंजीनियर को गोली मार चर्चा में आये कुख्यात अपराधी लव कुश शर्मा जेल में रहते हुए भी हर महीने करोड़ो की उगाही कर रहा है. कुछ व्यपारियों की शिकायत पर लवकुश को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी.