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जेल में बैठकर ही सल्तनत चला रहे कुख्यात अपराधी, सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों से वसूली जा रही रंगदारी

झारखंड में कुख्यात अपराधी जेल से बैठकर ही सल्तनत चला रहे हैं. जेल से ही बड़े ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों से वसूली(extortion) की जा रही है. इस रिपोर्ट में पढ़ें कि झारखंड में अभी कौन-कौन सा गैंग सक्रिय है.

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Published : May 29, 2021, 9:44 PM IST

gang of criminals active in jharkhand
झारखंड के कुख्यात अपराधी

रांची:झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल से ही अपनी सल्तनत चला रहे हैं. अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, लवकुश शर्मा, लखन सिंह, कालू लामा जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

खौफ का बिजनेस

खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी रंगदारी देने वालों की सुरक्षा नहीं मिल पाती. मामले पुलिस तक पहुंचते हैं लेकिन सटीक करवाई नहीं हो पाने की वजह से अपराधी लगातार अपने मंसूबों में कामयाब होते रहते हैं. जेल से रंगदारी के बढ़ते मामलों को लेकर झारखंड पुलिस भी बैकफुट पर है और नई रणनीति के तहत काम करने की कोशिश कर रही है. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार यह सही है कि कुछ गैंगस्टर्स जेल से ही अपने गैंग का संचालन कर रहे हैं. हालांकि, पुलिस भी अपनी कार्रवाई लगातार कर रही है. पुलिस की टीम वैसे सभी अपराधियों पर नजर रखी हुई है जो हाल के दिनों में जेल से छूट कर बाहर आए हैं या फिर उनके आका जेल में बंद हैं और वे उनके इशारे पर काम करते हैं.

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घातक हथियारों से लैस है कई गैंग्स, अधिकांश के निशाने पर कोयला कारोबारी

जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद सुजीत सिन्हा और रांची जेल में अंडा सेल में बंद अमन साव के गिरोह के पास एके-47 और कार्बाइन जैसे हथियार हैं. वहीं 200 से अधिक पिस्टल का जखीरा गिरोह के सदस्यों ने रखा है. पुलिस की जांच में गिरोह के द्वारा हथियार जुगाड़ने के पूरे नेटवर्क और उसमें शामिल लोगों की जानकारी मिली है. वहीं जांच में इस बात का पता चला है कि गिरोह के निशाने पर राज्य के कई बड़े कोयला कारोबारी हैं.

कोल कारोबारियों से गिरोह के सदस्यों ने रंगदारी भी मांगी थी. वहीं गिरोह के द्वारा नौ लोगों को निशाने पर रखा गया था, जिसके खिलाफ आपराधिक गिरोह की योजना पर फौरी कार्रवाई की थी. हालांकि, पुलिस को इस संबंध में वक्त रहते जानकारी मिल गई. इस वजह से सब की जान बच गई. दूसरी तरफ राजधानी रांची का तो और बुरा हाल है. रांची के कई ऐसे अपराधी जो कभी गैंग्स के लिए काम करते थे अब वे अपने खुद का गैंग बनाकर रंगदारी का धंधा चला रहे हैं. हाल के दिनों में कालू लामा नाम का अपराधी अपराध की दुनिया में उभरकर सामने आया है कालू लामा पहले बड़े अपराधियों के लिए काम करता था.

कौन कौन से गैंग्स है सक्रिय

सुजीत सिन्हा: क्रिमिनल को हायर कर करता है रंगदारी का धंधा

वर्तमान समय में सुजीत सिन्हा झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. सुजीत सिन्हा जमशेदपुर जेल में बंद है लेकिन वहीं से वह अपने गिरोह को चला रहा है. सुजीत के गिरोह चलाने का तरीका बिल्कुल अलग है. उसके गिरोह में मात्र 5 से 6 लोग परमानेंट है, बाकी क्रिमिनल्स को वह पैसे देकर हायर करता है. वर्तमान में इस गिरोह की सांठगांठ नक्सलियों के साथ भी सामने आई है जिसके बाद कई मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के द्वारा किया जा रहा है.

अखिलेश सिंह: गिरोह में 50 सदस्य

अपराध की दुनिया में झारखंड में अगर किसी को डॉन की उपाधि मिली है तो वह है अखिलेश सिंह. अखिलेश सिंह को बड़ी मुश्किलों के बाद पुलिस ने गुड़गांव से गिरफ्तार किया था. उसके बाद से ही वह दुमका जेल में बंद है लेकिन 50 से अधिक सक्रिय गिरोह के सदस्य उसकी सल्तनत को पूरे झारखंड सहित दूसरे राज्यों में भी कायम रखे हुए हैं.

अनिल शर्मा: आजीवन कारावास, गैंग में 35 सदस्य

राजधानी के पुराने गैंगस्टरों में अनिल शर्मा का नाम सबसे ऊपर आता है. अनिल शर्मा फिलहाल जेल में बंद है लेकिन उसके गुर्गे बड़े व्यापारियों से लेकर रेलवे और दूसरे ठेकेदारों से रंगदारी वसूल करते हैं.

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लवकुश शर्मा: जेल में, गैंग में 12 सदस्य

पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप सिंह से एक करोड़ की रंगदारी और पैसे नहीं मिलने पर दिनदहाड़े इंजीनियर को गोली मार चर्चा में आये कुख्यात अपराधी लव कुश शर्मा जेल में रहते हुए भी हर महीने करोड़ो की उगाही कर रहा है. कुछ व्यपारियों की शिकायत पर लवकुश को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी.

संदीप थापा: फिलहाल जेल से बाहर, गैंग में 28 सदस्य (अपराध की दुनिया नाता तोड़ा)

राजधानी रांची के अपराध की दुनिया में संदीप थापा एक बड़ा नाम है. हत्या, लूट और रंगदारी जैसे दर्जनों मामले का आरोपी संदीप थापा फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है. संदीप थापा यह दावा करता है कि उसने अपराध की दुनिया को छोड़ दिया है. हालांकि, उस पर पुलिस की कड़ी नजर है.

लखन और गेंदा सिंह: गैंग में 35 सदस्य

जमीन से जुड़े कारोबारियों में लखन और उसके भाई गेंदा सिंह का खौफ सिर चढ़कर बोलता है. जमीन की खरीद-बिक्री या फिर किसी बड़ी जमीन की डील में दोनों का हिस्सा नहीं देने वालों की आवाज बंद कर दी जाती है. हालांकि, सूचना यह भी है कि लखन सिंह की हत्या हो चुकी है लेकिन पुलिस की फाइल में वह अभी तक जीवित है और उस पर दो लाख का इनाम भी घोषित है. गेंदा सिंह फिलहाल जेल में है और वहीं से अपने गिरोह का संचालन कर रहा है.

नरेश सिंह बुतरू: जमानत पर, गैंग में 15 सदस्य

रांची में बुतरू गैंग का भी जोरदार प्रभाव है. पैसे लेकर हत्या करने के लिए यह गैंग जाना जाता है. फिलहाल नरेश सिंह उर्फ बुतरू जेल से बाहर है और उसके कई व्यापारियों से रंगदारी मांगने की सूचना रांची पुलिस को मिली है. हालांकि, पुलिस जांच कर रही है कि वाकई रंगदारी नरेश सिंह के नाम पर माननीय जा रही या फिर खुद नरेश मांग रहा है.

धीरज जालान: जेल में, गैंग में 18 सदस्य

बड़े अपरधियो के संरक्षण में काम करने वाला यह गिरोह पैसे के लिए किसी भी अपराध को अंजाम दे सकता है. आमतौर पर यह गिरोह बड़े अपराधियों के लिए काम करता है. चोरी इस गिरोह का प्रमुख धंधा है. इसके अलावा बड़े अपराधियों को शहर में पनाह देता है.

राजीव कुमार मिश्रा: जमानत पर, गैंग में 20 सदस्य

राजीव कुमार मिश्रा उर्फ बिट्टू मिश्रा कभी संदीप थापा का गुरु हुआ करता था बाद में यह दोनों गिरोह अलग अलग हो गए. संदीप थापा की तरह ही बिट्टू मिश्रा अभी वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर है बिट्टू मिश्रा का दावा है कि वह अपराध की दुनिया छोड़ चुका है हालांकि बिट्टू मिश्रा पर पुलिस की कड़ी नजर है उसके हर गुर्गे पर पुलिस नजर रखे हुए.

निक्की शर्मा: गैंग में 25 सदस्य, चतरा जेल में

लूट और डकैती जैसे मामलों के लिए विख्यात यह गैंग रांची में दर्जनों लूट की वारदातों को अंजाम दे चुका है .इस का सरगना निक्की शर्मा फिलहाल जेल में बंद है. लेकिन उसके गुर्गे अभी भी रांची में अपराध की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. निक्की शर्मा जेल से ही अपने गैंग को चला रहा है.

नए उभर रहे गिरोह चिंता का विषय

पुराने और बड़े अपराधियों का तो अपना गिरोह है ही हाल के दिनों में राजधानी रांची में छोटे-छोटे वैसे अपराधी जो कभी दूसरे बड़े गैंग के लिए काम किया करते थे अब उन्होंने भी अपना गैंग बना लिया है और अपराधिक वारदात को अंजाम दे रहे हैं. हाल के दिनों में कालू लामा नामक अपराधी का राजधानी रांची में नाम उभरकर सामने आया है. यह अपराधी भी जेल में बंद है लेकिन वहीं से अपनी सल्तनत चला रहा है.

क्या कहती है पुलिस?

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार जेल से चल रहे अपराधियों के सल्तनत को मिटाने के लिए स्पेशल टीम काम कर रही है और जल्द ही इन पर लगाम भी लगेगा.

मिटा दिए जाएंगे गैंग्स: एसएसपी

रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा हाल के दिनों में राजधानी रांची में बड़े गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. सुजीत सिन्हा गिरोह का सबसे ज्यादा रांची पुलिस ने ही नुकसान पहुंचाया है वह भी तब जब रांची के सीनियर एसपी के रूप में सुरेंद्र कुमार झा ने अपना पदभार संभाला. सुजीत सिन्हा गिरोह का सबसे खास अमन साव को भी सुरेंद्र कुमार झा की टीम ने ही गिरफ्तार किया जिसके बाद सुजीत सिंह गिरोह के कई सदस्य धरे गए. फिलहाल रांची के सीनियर एसपी का स्पष्ट कहना है कि राजधानी रांची में चाहे कालू लामा हो या फिर कोई और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

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