रांची: लॉकडाउन की वजह से पिछले 72 दिनों में होटल, बैंक्वेट और रेस्टोरेंट संचालकों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है. इसके समाधान के लिए इससे जुड़े व्यवसाइयों ने 8 जून से अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी इसके संचालन के छूट देने की मांग की है.
वहीं, सभी व्यवसाइयों ने शुक्रवार को चेंबर भवन में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने कहा है कि एमएचए के निर्देश के तहत 8 जून के बाद अन्य राज्यों की तर्ज पर झारखंड में भी होटल, बैंक्वेट और रेस्टोरेंट व्यापार को संचालन की अनुमति दी जाए. व्यवसाइयों ने कहा कि व्यवसाय बंद होने के कारण व्यवसायी आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं. अगर संचालन की अनुमति मिलती है तो इस आर्थिक समस्या से निपटने में लगभग 1 साल लगेगा.
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वहीं, व्यवसाइयों ने कहा है कि रेलवे और हवाई सेवाएं शुरू होने के कारण राजधानी में लोगों का आना जाना बढ़ा है. इलाज कराने के लिए भी राजधानी में लोग आ रहे हैं. लेकिन होटल बंद होने के कारण उन्हें यहां ठहरने में कठिनाई हो रही है. व्यवसाइयों ने राज्य सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन की पूरी अवधि तक उनके बिजली के फिक्स्ड चार्ज में छूट दी जाए, क्योंकि इस अवधि में उनके व्यापार बंद रहे हैं. होटल व्यवसाइयों ने चैंबर से अनुरोध किया है कि उनके 3 महीने का होल्डिंग टैक्स माफ कराया जाए और जिन होटल, रेस्टोरेंट व्यवसाइयों के पास बार लाइसेंस है, उनके लाइसेंस की अवधि को 3 महीने तक के लिए आगे बढ़ा दिया जाए.
चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी और महासचिव धीरज तनेजा ने संयुक्त रूप से होटल, बैंक्वेट और रेस्टोरेंट व्यवसाइयों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार से वार्ता का आश्वासन दिया है और कहा कि यह सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार उत्पन्न करता है. ऐसे में सरकार को शीघ्र ही इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए.