झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

राज्यपाल का सीएम को सुझाव, बच्चों के दिल की बीमारी का मुफ्त में इलाज हो सकता है संभव, एक अस्पताल का किया जिक्र

झारखंड में बच्चों के दिल के इलाज के लिए अस्पताल खुल सकता है (Hospital in Jharkhand to treat childrens heart ). इस अस्पताल में इलाज और दवाएं मुफ्त होंगी. इसके बारे में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चर्चा की है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Nov 22, 2022, 6:07 PM IST

Updated : Nov 22, 2022, 6:15 PM IST

रांची:राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में बच्चों के लिए अस्पताल खोलने का सुझाव दिया है (Hospital in Jharkhand to treat childrens heart ). उन्होंने बताया कि इस अस्पताल का संचालन रायपुर में हो रहा है. वहां एक साल से 14 साल के बच्चों के दिल की बीमारी का मुफ्त में इलाज होता है. उस अस्पताल में बच्चों के मुफ्त इलाज के दौरान दो परिजनों के रहने और खाने पीने की भी व्यवस्था रहती है.

ये भी पढ़ें:रांची सदर अस्पताल भवन को स्वास्थ्य विभाग ने लिया हैंडओवर, इलाज शुरू होने में अभी लगेगा समय

राज्यपाल रमेश बैस ने बच्चों के दिल की बीमारी के इलाज के लिए रायपुर के अस्पताल के बारे में बताया कि वहां मुफ्त में दवाएं भी मुहैया करायी जाती हैं. राज्यपाल ने बताया कि रायपुर में अस्पताल के प्रबंधन के लोगों से उनकी बात हुई है. उन लोगों ने कहा कि बैंगलोर में आलाधिकारियों के सामने इस प्रस्ताव को रखा जाएगा.

स्पीकर, सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से बात करते राज्यपाल रमेश बैस

दरअसल, झारखंड विधानसभा स्थापना दिवस के पहले दिन कार्यक्रम संपन्न होने पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राज्यपाल अपनी कार में बैठकर रवाना होने वाले थे. इसी दौरान वह रुके और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अस्पताल को लेकर बातचीत की. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर ऐसा अस्पताल झारखंड में खुलेगा तो यहां के बच्चों को भला होगा. उन्होंने कहा कि पुटुर्थी के सत्य श्री साई बाबा की चैरिटी की तरफ से रायपुर में बच्चों के अस्पताल का संचालन हो रहा है. इसका लाभ गरीब बच्चों को मिल रहा है जो दिल की बीमारी से ग्रसित हैं. राज्यपाल रमेश बैस के इस सुझाव का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वागत करते हुए कहा कि इस दिशा में पहल की जाएगी.

झारखंड की राजधानी रांची में राज्य का सबसे बड़ा सरकार अस्पताल रिम्स मौजूद है. यहां दिल की बीमारी के लिए अलग से कॉर्डियोलॉजी विभाग भी है, लेकिन मरीजों की भारी संख्या की वजह से समय पर लोगों को इलाज नहीं मिल पाता है. अक्सर गरीब मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती है. कई बार जांच के लिए निजी लैब में भी जाना पड़ता है. वहीं दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए अलग से कोई अस्पताल नहीं है. अगर राज्यपाल के सुझाव के मुताबिक श्री सत्य साई चैरिटी की तरफ से झारखंड में बच्चों के लिए अस्पताल खुल जाता है तो यहां के लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी.

Last Updated : Nov 22, 2022, 6:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details