झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

'बुराई' जलाने के लिए दो धर्मों के लोग आए साथ, मुस्लिम कारीगर बना रहे, हिंदू जलाएंगे 'रावण' - दशहरा रावण दहन कार्यक्रम स्थल

शारदीय नवरात्रि 2022 मंगलवार को संपन्न हो रही है. बुधवार को बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन हिंदू समाज बुराई के प्रतीक के रूप में रावण के पुतले का दहन करता है. इस साल रांची में बुराई के पुतले को जलाने में हिंदू मुस्लिम साथ आ गए (Burning effigy of evil in Ranchi) हैं. गया के मुस्लिम कारीगर रांची में वाटरप्रूफ पुतले बना रहे हैं, जिसे विजयदशमी के दिन हिंदू समुदाय के लोग जलाएंगे. प्रतीक के रूप में जलाई जा रही बुराई में क्षेत्रवाद की बुराई भी खत्म होगी. क्योंकि इसमें पश्चिम बंगाल और शिवकाशी के पटाखे 'रावण' की धज्जियां उड़ाएंगे.

burning effigy of evil in Ranchi
'बुराई' जलाने में हिंदू-मुस्लिम आए साथ

By

Published : Oct 4, 2022, 5:20 PM IST

रांचीःकोविड महामारी के दो साल बाद हर तरफ नवरात्रि की धूम मची हुई है. लेकिन लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से आयोजकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सप्तमी, अष्टमी और नवमी को भी तेज बारिश हुई, जिसकी वजह से रावण दहन के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में कारीगरों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. रांची के मोरहाबादी मैदान में रावण दहन का मुख्य कार्यक्रम होता है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी भाग लेते हैं. इसलिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण हो जाता है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि रावण दहन के दिन भी बारिश हो सकती है. इधर रावण दहन के दौरान किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए इस बार गया से आए कारीगरों ने वाटरप्रूफ रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद बनाया है.

ये भी पढ़ें-बस्तर दशहरा में कैसे होती है बेल पूजा रस्म

मोरहाबादी में 70 फिट का 'रावण':बिहार के गया जिले से आए मुस्लिम कारीगरों ने 70 फिट का 'रावण', 65 फिट का कुंभकर्ण और 60 फिट का मेघनाद का पुतला बनाया है. पिछले 21 दिनों से कुल 14 कारीगर मिलकर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले के निर्माण में लगे हुए थे. लगातार बारिश के व्यवधान डालने के बावजूद बेहतरीन तरीके से तीनों पुतलों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है. मंगलवार शाम तक यह पुतला आयोजन स्थल पर पहुंचा दिया जाएगा और बुधवार को जलाया जाएगा. गया से कारीगरों ने बताया कि पुतला बनाने के लिए पंजाबी हिंदू बिरादरी के लोगों ने जगह दिया था. वहां पुतला तैयार करने के बाद दशहरा रावण दहन कार्यक्रम स्थल पर ट्रेलर से लाया जाता है.

देखें पूरी खबर

मोरहाबादी में दशहरा कार्यक्रम के आयोजक अरुण चावला के मुताबिक उनकी संस्था 1948 से यह कार्यक्रम कर रही है. पहले जिला अस्पताल में यह कार्यक्रम होता था. अब मोरहाबादी मैदान में रावण का पुतला जलाया जाता है. वहीं अरगोड़ा दुर्गा पूजा समिति के सचिव चन्दन कुमार का कहना है कि वे एक सामुदायिक भवन में पुतला बनवाते हैं.

शिवकाशी और प. बंगाल से आए पटाखेःरावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों में शिवकाशी और प. बंगाल से मंगाए गए पटाखों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए प. बंगाल से बेहतरीन कारीगर रांची पहुंचे हैं. कारीगर यह बताते हैं कि भले ही रावण कुंभकर्ण, मेघनाद के पुतले वाटर प्रूफ बनाए गए हैं लेकिन यह फायर प्रूफ नहीं है. भारी बारिश के बावजूद ये बड़े ही मजे के साथ जलेंगे.

रांची में चार स्थानों पर होगा रावण दहनःराजधानी रांची में हर साल की तरह चार स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम होना है. मुख्य समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में, जबकि इसके अलावा अरगोड़ा, टाटीसिलवे और शालीमार मैदान धुर्वा में भी रावण के पुतले का दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मोरहाबादी और अरगोड़ा में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. अरगोड़ा, टाटीसिलवे और शालीमार मैदान धुर्वा में भी वाटरप्रूफ पुतलों का ही निर्माण किया गया है. यहां भी गया से आए मुस्लिम कारीगरों ने ही पुतलों को तैयार किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details