रांची:राज्य के सात जिलों के 24 प्रखंडों में हाई इंपैक्ट मेगा वाटर शेड योजना शुरू की गई है. इस योजना से किसानों को जबरदस्त लाभ होने वाला है. किसानों को खेती करने में सहूलियत हो इसी उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया है. इस योजना के तहत बेहतर जल प्रबंधन कर जमीन की नमी और गुणवत्ता को बढ़ाना है. इससे राज्य में कृषि और बागवानी के कार्यों को विस्तार दिया जा सकता है. झारखंड के किसान अगर पारंपरिक खेती के साथ-साथ खेतों की नमी को बनाए रखेंगे और उसका उपयोग बागवानी में करेंगे तो किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.
Jharkhand News: झारखंड के सात जिलों के 24 प्रखंडों में चल रही हाई इंपैक्ट मेगा वाटर शेड योजना, किसानों की आय दोगुनी करने में मिलेगी मदद
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से झारखंड के सात जिलों में हाई इंपैक्ट मेगा वाटर शेड योजना शुरू की गई है. योजना का उद्देश्य ग्रामीणों की आय को बढ़ाना है. साथ ही खेती के लिए जल प्रबंधन कर मिट्टी की नमी को बनाए रखना है, ताकि खेती और बागवानी का कार्य बेहतर ढंग से हो सके.
योजना के क्रियान्वयन को लेकर मनरेगा आयुक्त बेहद गंभीरःवहीं योजना को लेकर ग्रामीण विकास विभाग और मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी काफी गंभीर हैं. हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड योजना के क्रियान्वयन को लेकर मनरेगा आयुक्त ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों बराबर जानकारी ले रहीं हैं.साथ ही आगे की योजना बनाने और योजनाओं की अधिकतम स्वीकृति के लिए जिलास्तरीय कार्यशाला और सेमिनार आयोजित करने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड के सात जिलों में चलायी जा रही योजनाः हाई इंपैक्ट मेगा वाटर शेड योजना को झारखंड में भारत सरकार की संस्था भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन (बीआरएलएफ) के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. बताते चलें कि झारखंड राज्य के सात जिलों में यह योजना चलाई जा रही हैं. जिसमें गुमला, गोड्डा, दुमका, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़, साहिबगंज और गिरिडीह हैं. इन सातों जिलों के कुल 24 प्रखंडों में मनरेगा योजना से हाई इंपैक्ट मेगा वाटर शेड प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है.
झारखंड के कुल 24 प्रखंडों में 696 वाटर शेड का किया जाएगा निर्माणः इस परियोजना का लक्ष्य 24 प्रखंडों में कुल 696 वाटर शेड का विकास करना है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद तीन लाख, 39 हजार हेक्टेयर भूमि को उपचारित किया जा सकता है. इस योजना से सात जिलों के 24 प्रखंडों के कम से कम एक लाख किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.