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हिनू नदी पर अतिक्रमण मामले में हाईकोर्ट सख्त, जज ने पूछा-4 साल से क्यों नहीं हुई कार्रवाई

हिनू नदी पर अतिक्रमण मामले पर गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. इसके साथ ही अरगोड़ा सर्किल ऑफिसर को अदालत ने 10 जून को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने का आदेश दिया है.

encroachment on hinoo river
हिनू नदी पर अतिक्रमण

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Published : Jun 3, 2021, 3:23 PM IST

रांची:हिनू नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सरकार की तरफ से की जा रही कार्रवाई के विरोध में एयरटेल कार्यालय द्वारा दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. इसके साथ ही अरगोड़ा सर्किल ऑफिसर को अदालत ने 10 जून को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने का आदेश दिया है. कोर्ट की तरफ से पूछे गए प्रश्नों का जवाब पेश करने को भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी.

धीरज कुमार, अधिवक्ता

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कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि एयरटेल कार्यालय 4 साल से चल रहा है. उस कार्यालय का नक्शा आरआरडीए की तरफ से पास किया गया है. सरकार की तरफ से बिना नोटिस दिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. यह कार्रवाई नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है. सरकार के द्वारा अदालत को जानकारी दी गई कि हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में यह कार्रवाई की गई. नदी की जमीन की नापी के दौरान यह पाया गया कि एयरटेल कार्यालय नदी की जमीन पर बनी हुई है. नापी के दौरान कार्यालय के मालिक मौजूद थे और उन्होंने किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं जताई. अदालत ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा है कि 4 साल से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा हिनू नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश पर झारखंड सरकार के द्वारा नदी की जमीन की नापी की गई. नापी के दौरान पाया गया कि एयरटेल कार्यालय नदी की जमीन पर बना हुआ है. इसलिए इसे अतिक्रमण मुक्त किया जाए. राज्य सरकार के इस कार्रवाई के विरोध में एयरटेल कार्यालय की ओर से याचिका दायर की गई है. उसी पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

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