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एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन की बिक्री विवाद पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब, अफसरों को सहयोग करने की दी हिदायत

रांची एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण से संबंधी विवाद मामले में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. इसमें अदालत ने अफसरों को सहयोग करने की हिदायत दी.

High Court seeks response on dispute over sale of land acquired for airport
एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन की बिक्री विवाद पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

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Published : Apr 20, 2022, 6:14 PM IST

रांची:रांची एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण से संबंधी विवाद मामले में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. इस दौरान राज्य सरकार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के सचिव से यह जानना चाहा कि जब एयरपोर्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया तो बिचौलियों ने जमीन को कैसे बेच दिया. हाई कोर्ट ने इस मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले में सरकार का जवाब आने के बाद आगे की सुनवाई की जाएगी.

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याचिकाकर्ता आनंद कुमार शर्मा एवं अन्य ने नामकुम अंचल के हेथू मौजा की जमीन की बिक्री को लेकर दो हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसी याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता का कहना था कि लैंड एक्विजिशन केस के लंबित रहते हुए जमीन कैसे बेची गई. उनका आरोप था कि धोखाधड़ी कर जमीन को बिचौलियों ने बेचा. जमीन की रैयत ने कई बातों को छिपा कर 2008 में याचिकाकर्ता को जमीन बेच दी. इस आधार पर याचिकाकर्ता ने नामकुम अंचल के अंचल अधिकारी के पास जमीन का दाखिल खारिज करने की अर्जी दी, तब उन्हें बताया गया कि जमीन एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में चली गई है. इसके बाद ही याचिकाकर्ता ने जमीन में दखलअंदाजी को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कहा कि अंचल अधिकारी ने गलत जानकारी दी.

अधिवक्ता आदित्य रमन का बयान
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने भी अदालत को बताया कि कैसे अदालत को गलत हलफनामा देकर गुमराह किया गया. पूरे प्रकरण पर अपर समाहर्ता की तरफ से जांच भी कराई गई. इसमें बताया गया कि जमीन का दाखिल खारिज याचिकाकर्ता के पक्ष में नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में रांची के उपायुक्त ने नामकुम सीओ को जमाबंदी रद्द करने के भी निर्देश दिए थे. प्रार्थी के अधिवक्ता ने कहा कि जानबूझकर नामकुम अंचल के अंचल अधिकारी याचिकाकर्ता को मानसिक तनाव दे रहे हैं और कोर्ट को गलत जानकारी दे रहे हैं. ऐसे में नामकुम सीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और नामकुम सीओ को स्पष्ट जानकारी देकर न्यायालय की सुनवाई में सहयोग करने का आदेश दिया है.

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