रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में आरोपी गढ़वा के ऋषिकेश कुमार की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) की ओर से भी अधिवक्ता अदालत में उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से समय की मांग की.
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अदालत ने एक सप्ताह का समय देने के साथ ही की मामले की जांच कर रहे अधिकारी से पूछा है कि पीड़ित का बयान रिकॉर्ड किया गया है या नहीं, उसका जाति प्रमाण पत्र देखा गया या नहीं. इस पर कोर्ट ने जवाब पेश करने आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी.
एससी-एसटी एक्ट के तहत सुनवाई
आरोपी ऋषिकेश कुमार की जमानत याचिका (Bail Application) पर पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि मामले में एससी एसटी एक्ट में दिए गए प्रावधान के अनुरूप पीड़ित के पक्ष को सुनने के बाद ही आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन पीड़ित पक्ष हैं. इसलिए अदालत ने मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. अदालत के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री की ओर से अधिवक्ता मृणाल कांति राय अदालत में उपस्थित हुए. अदालत में उन्होंने बताया कि वो हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखेंगे. कोर्ट में मृणाल कांति राय ने सीएम का पक्ष रखने के लिए समय की मांग की. अदालत ने उन्हें एक सप्ताह का समय दिया है.
क्या है पूरा मामला
गढ़वा के ऋषिकेश कुमार ने मुख्यमंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. जिसके बाद गढ़वा में ऋषिकेश कुमार के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था. उसी मामले में ऋषिकेश कुमार ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया था. लेकिन अभी तक सीएम की तरफ से पक्ष नहीं रखा सका है, इसलिए मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी.