रांची:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर सोमवार को दर्जनों लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे. इसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री बाहर निकले और चलता-फिरता जनता दरबार लगाकर सबकी समस्याएं सुनी. मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को समस्याओं के त्वरित समाधान का निर्देश दिया.
यह भी पढ़ें:सीएम हेमंत सोरेन से झारखंड कांग्रेस की मांग, 72 घंटे में तय करें फॉर्मूला
कोरोना की दूसरी लहर के बाद से मुख्यमंत्री के आवास पर आम लोगों से मुलाकात की प्रक्रिया बंद थी. फिलहाल, कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में आने के बाद मुलाकात की प्रक्रिया शुरू हुई है. अलग-अलग जिलों से आए लोगों की छोटी-छोटी समस्याएं थी. किसी के वृद्धा पेंशन का मामला था तो किसी का राशन कार्ड नहीं बनने का. छोटी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निदान नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जतायी.
सरकार बनने से बाद हर रोज आवास पर लोगों से मिलते थे सीएम
बता दें कि दिसंबर 2019 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आए दिन अपने आवास पर लोगों से मिलते थे. उनकी समस्याएं सुनते थे और अधिकारियों को निर्देशित करते थे. तब यह बात जोर शोर से उठी थी कि पूर्वर्ती मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में शुरू सीधी बात कार्यक्रम को क्यों बंद कर दिया गया. इसके जवाब में झामुमो का कहना था कि उस कार्यक्रम की आड़ में सिर्फ आईवॉश होता था. लेकिन वर्तमान सरकार का नजरिया बिल्कुल अलग है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आम लोगों से खुद बात करते हैं. इसमें अधिकारियों का कोई रोल नहीं होता है.
लोगों की समस्याएं सुनते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. दरअसल, विपक्ष अब सरकार को घेरने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. सरकार पर काम नहीं करने का आरोप लगा रहा है. विपक्ष का कहना है कि विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो चुका है. कोरोना का बहाना बनाकर सरकार लोगों को गुमराह कर रही है. विपक्ष का कहना है कि सीएम का अपने आवास पर आम लोगों से मिलना सिर्फ दिखावा है.