रांची: इस राज्य के लिए साल 2024 दो मायनों में खास है. अगले साल अप्रैल और मई में लोकसभा के चुनाव के बाद नवंबर-दिसंबर में विधानसभा का चुनाव होना है. लिहाजा, झारखंड की हेमंत सरकार चुनावी मोड में आ गई है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोर्चा संभाल रखा है. वह बखूबी जानते हैं कि यह समय जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियां गिनाने है. वह जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं. योजनाओं और परिसंपत्तियों की सौगात दे रहे हैं. साथ ही विपक्ष पर जमकर निशाना साध रहे हैं. इस अभियान की पृष्ठभूमि 15 नवंबर 2023 को ही तैयार कर ली गई थी. इसके तहत मुख्यमंत्री ने आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ साहिबगंज स्थित अपने बरहेट विधानसभा क्षेत्र से की.
24 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच 21 जिलों में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार अभियान के तहत सीएम हेमंत सोरेन 8,745 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर चुके हैं. इसके अलावा लाखों लाभुकों के बीच 2,860 करोड़ से ज्यादा की परिसंपत्ति भी बांट चुके हैं. अभियान के तीसरे चरण में सीएम हेमंत सोरेन 26 दिसंबर को चतरा और 27 दिसंबर को लातेहार जाकर योजनाओं की सौगात देंगे. इस अभियान का समापन 29 दिसंबर को सरकार के चार वर्ष पूरा होने के मौके पर रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा. इसकी जोरशोर से तैयारी चल रही है. रांची में प्रस्तावित कार्यक्रम को बेहद अहम माना जा रहा है. इस दिन सीएम कई घोषणाएं करने वाले हैं. साथ ही करीब 9 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है.
सीएम का एक माह जनता के नाम:15 नवंबर 2023 को राज्य स्थापना दिवस के दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के मोरहाबादी मैदान से आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार अभियान के तीसरे चरण के शुभारंभ की औपचारिक घोषणा की थी. उन्होंने इसकी शुरुआत 24 नवंबर, 2023 को साहिबगंज जिला स्थित अपने बरहेट विधानसभा क्षेत्र से की. अबतक 8,745 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जा चुका है. लाखों लाभुकों के बीच 2,860 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण हो चुका है. इस दौरान उनका फोकस सर्वजन पेंशन योजना, अबुआ आवास योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना, छात्रवृत्ति योजना, सावित्रीबाई फूले योजना, रोजगार सृजन योजना पर रहा.
किस जिला को सीएम ने क्या दिया तोहफा
- 24 नवंबर को साहिगंज के बरहेट में सीएम ने करीब 213 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. साथ ही करीब 4 लाख लाभुकों के बीच 298 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया.
- 25 नवंबर के पाकुड़वासियों के लिए 153 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इसके अलावा लाभुकों को बीच 126 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
- 28 नवंबर को लोहरदगा में कुल 133 करोड़ की 21 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. फिर 80 हजार लाभुकों के बीच 132 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण हुआ.
- 29 नवंबर को सिमडेगा में 155 करोड़ की 1,453 योजनाओं का शिलान्यास और लाभुकों के बीच 31 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
- 30 नवंबर को मेराल, गढ़वा में 211 करोड़ की 1,255 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ. लाभुकों के बीच 7 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
- 1 दिसंबर को पलामू में 104 करोड़ 75 योजनाओं का शिलान्यास और 100.69 करोड़ की 113 योजनाओं का उद्घाटन हुआ. इस दिन 6.50 लाख लाभुकों के बीच 68.67 करोड़ की परिसंपत्ति बांटी गई.
- 4 दिसंबर को गिरिडीह में 305 करोड़ की 117 योजनाओं का शिलान्यास और 30 करोड़ की 20 योजनाओं का उद्घाटन हुआ. मुख्यमंत्री ने 64 हजार लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण किया.
- 5 दिसंबर को कोडरमा में 433 करोड़ की 194 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ. सीएम ने 19 हजार लाभुकों के बीच 10.49 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया.
- 6 दिसंबर को सरायकेला में 236 करोड़ की 90 योजनाओं का शिलान्यास और 80 करोड़ की 142 योजनाओं का उद्घाटन और 23 हजार लाभुकों के बीच 244 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
- 7 दिसंबर को पोटका, जमशेदपुर 348 कोरड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन के अलावा 2 लाख 26 हजार लाभुकों के बीच 2.4 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरित की गई.
- 8 दिसंबर को गोड्डा में 441 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ. साथ ही 1.81 लाख लाभुकों के बीच 300 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
- 9 दिसंबर को देवघर में 255 करोड़ की 64 योजनाओं का शिलान्यास हुआ. 5,721 लाभुकों के बीच 7.97 करोड़ की परिसंपत्ति बांटी गई.
- 11 दिसंबर में बोकारो करीब 4923.29 लाख करोड़ की 15 योजनाओं का उद्गाटन और 11898 लाख की 193 योजनाओं का शिलान्यास किया गया. साथ ही 18 हजार लाभुकों के बीच 32156 लाख की परिसंपत्ति का वितरण हुआ. इस दिन अनुकंपा पर 17 और डीएमएफटी के तहत 72 पारा मेडिकल स्टफ को नियुक्ति पत्र दिया गया.
- 12 दिसंबर को दुमका में 1035 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन और लाभुकों के बीच 53 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण हुआ. इसी दिन ईडी के छठे समन पर सीएम को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर जाना था.
- 13 दिसंबर को जामताड़ा में 634 करोड़ की 92 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन के अलावा 26 हजार लाभुकों के बीच 182 करोड़ की परिसंपत्ति वितरित की गई.
- 15 दिसंबर को खूंटी में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही समाप्त होने पर 437 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और 406 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन किया गया. इस दौरान 11841 लाभुकों के बीच 88 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण हुआ.
- 16 दिसंबर को चाईबासा में 422 करोड़ की 137 योजनाओं का शिलान्यास और 85 करोड़ की 94 योजनाओं का उद्घाटन करने के बाद 81 हजार लाभुकों के बीच 116 करोड़ की परिसंपत्ति बांटी गई.
- 18 दिसंबर को हजारीबाग में 773 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ और 2.47 लाख लाभुकों के बीच 247 करोड़ की परिसंपत्ति वितरित की गई.
- 19 दिसंबर को गुमला में 402 करोड़ की 105 योजनाओं का शिलान्यास और 64 करोड़ की 45 योजनाओं का उद्घाटन हुआ और 1.45 लाख लाभुकों के बीच 204 करोड़ की परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
- 22 दिसंबर को धनबाद में 531 करोड़ की 206 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ. साथ ही 2.76 लाख लाभुकों के बीच 418 करोड़ की परिसंपत्ति बांटी गई.
- 23 दिसंबर को रामगढ़ में 49 .95 करोड़ की 48 योजनाओं का उद्घाटन और 98.94 करोड़ की 124 योजनाओं का शिलान्यास. लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण. डीएमएफटी के तहत स्वास्थ्य में 67, श्रम नियोजन में 23 और 2 अन्य को मिलाकर 92 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया.
एक तरफ मुख्यमंत्री सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं तो दूसरी तरफ यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि राज्य में सत्ता की कमान सबसे ज्यादा विपक्षी पार्टी यानी भाजपा के हाथ में रही लेकिन डबल इंजन की सरकार ने राज्य के लिए कुछ नहीं किया. हर कार्यक्रम में बता रहे हैं कि केंद्र की सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. सरकार बनने के दिन से ही सरकार गिराने की कोशिश हो रही है. केंद्रीय एजेंसियां मसलन, ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई को पीछे लगाकर परेशान किया जा रहा है. हालांकि भाजपा इस बात पर फोकस कर रही है कि अगर सीएम ने कोई गलत काम नहीं किया है तो छह समन के बाद भी ईडी के दफ्तर जाने से क्यों डर रहे हैं. इससे साफ है कि आने वाले दिनों में झारखंड का राजनीतिक पारा और चढ़ने वाला है.