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झारखंड में लेट मानसून से फायदा या नुकसान, क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

झारखंड में मानसून इस बार 15 दिनों की देरी से पहुंचा. जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ. राज्य में कई जगहों पर धान की रोपाई बहुत ही कम हो पाई है, किसान धान की रोपाई के लिए अभी भी इंद्र देवता पर आस लगाए हुए हैं.

मानसून का बदला मिजाज

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Published : Aug 7, 2019, 6:30 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 7:52 PM IST

रांची: झारखंड में मानसून ने आने में देरी की. जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी है. राज्य में जितनी धान की रोपाई होनी थी वह अब तक नहीं हो पाई है. मॉनसून के पहुंचने पर किसानों में थोड़ी बहुत खूशी आई थी, लेकिन बीच में मानसून कमजोर हो गया. जिसका सीधा असर धान की रोपाई पर देखने को मिला. हालांकि दो दिनों से बारिश हो रही है, जिसके कारण धान की रोपाई फिर से शुरू हो गई है.

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झारखंड सरकार ने धान की रोपाई के लिए 15 अगस्त तक का लक्ष्य रखा है. अगर इस लक्ष्य समय तक धान की रोपाई पूरी नहीं हुई, तो आंकलन कर राज्य को सूखा घोषित किया जाएगा.

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राज्य में पिछले दो दिनों से मानसून की सक्रियता किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है. झारखंड के सभी जिलों में मूसलाधार बारिश की वजह से फसलों की रोपाई जिन जिलों में नहीं हो पाई थी उन जिलों में हो सकती है. हालांकि इस वर्ष 40% बारिश की कमी देखने को मिली है. पिछले वर्ष इस समय धान का अच्छादन 25% हुआ था. इस वर्ष मात्र 21% धान का अच्छादन हो सका है.

मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर एस शर्मा ने बताया कि 7अगस्त से ही राज्य के दक्षिणी और उत्तरी पूर्वी जिले में दो तीन स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं, 8 अगस्त को राज्य के उत्तरी पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी जिले में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने जानकारी दी कि यह किसानों के लिए काफी अनुकूल समय है जो किसान अपने खेतों में धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं, वह किसान इस बार इसका फायदा उठाकर धान की रोपाई कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 7, 2019, 7:52 PM IST

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