रांचीः मानसून सत्र के पांचवें दिन प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, भाजपा विधायकों के निशाने पर रहे. एक वक्त ऐसा आया जब लगा कि मारपीट तक हो जाएगी. इरफान अंसारी पर भाजपा विधायक शशि भूषण मेहता इस कदर आग बबूला थे कि बांह चढ़ाते हुए उनकी तरफ जा बढ़े. इसी बीच कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने शशिभूषण मेहता को रोका. अगर उमाशंकर अकेला उनको नहीं रोकते तो सदन की गरिमा तार-तार हो सकती थी.
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किस बात को लेकर शुरू हुआ विवादः दरअसल, प्रश्नकाल शुरू होते ही व्यवस्था के तहत भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता ने कहा कि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने 1 अगस्त को सदन में बाबूलाल मरांडी पर टिप्पणी करते हुए आदिवासी समाज के खिलाफ अमर्यादित बात कही थी. इस कथन के लिए उनको सदन में कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए. नहीं तो हम उनकी ऐसी की तैसी कर देंगे. इस पर स्पीकर ने कहा कि इरफान अंसारी अभी सदन में नहीं हैं. उनसे बात की जाएगी. इधर अन्य दिनों की तरह भाजपा के विधायक वेल में हंगामा कर रहे थे. इसी बीच इरफान अंसारी सदन में पहुंचे तो शशिभूषण मेहता उनको देखते ही भड़क गए. कहा कि इधर आओ तुमको बताते हैं. शशि भूषण मेहता इस कदर नाराज थे कि इरफान अंसारी की तरफ आग बबूला होकर बढ़ने लगे.
इस दौरान सदन का माहौल गर्म हो गया. स्पीकर ने चेतावनी दी कि वह ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने मार्शल अलर्ट भी कर दिया. स्पीकर ने अविलंब शशिभूषण मेहता को अपने आसन पर जाने को कहा. इस दौरान प्रदीप यादव ने कहा कि इरफान अंसारी ने जो कहा था, उस पर वह माफी मांगेंगे लेकिन भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता ने जिस तरह की हरकत की है, वह बेहद गंभीर है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि स्पीकर ने मार्शल अलर्ट कर रखा था.