रांची:झारखंड में आए दिन दुष्कर्म की घटनाएं देखने को मिल रही है. पुलिस और समाज की लाख कोशिशों के बावजूद बहु-बेटियों को टारगेट किया जा रहा है. इंसान का इंसान पर से भरोसा उठने लगा है. मंगलवार की देर रात चाईबासा में एक विवाहिता पर हैवान टूट पड़े. दूसरे दिन वह बेहोशी की हालत में मिली. इस घटना ने पूरे सिस्टम को झंकझोर कर रख दिया है. ऐसी घिनौनी हरकत करने वालों को डॉक्टर मानसिक रोगी बताते हैं. समाज वैसे लोगों को धिक्कार की नजर से देखता है. लेकिन लगता है कि भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों की मेमोरी कम हो गई है. सोशल मीडिया पर भड़ास निकालने के बाद लोग इन घटनाओं को भूल जाया करते हैं.
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हम आपको झारखंड के अलग-अलग जिलों में हुई दुष्कर्म की कुछ ऐसी घटनाओं की याद दिलाना चाहते हैं ताकि आप सजग रहें. इंसान की शक्ल में घूम रहे भेड़ियों को समय रहते पहचानें और खुद को बचाएं. बच्चों को गुड टच और बैड टच का मतलब बताएं. क्योंकि अक्सर पड़ोसी या करीबी रिश्तेदार बच्चों को सॉफ्ट टारगेट बना लेते हैं.
दुष्कर्म की दिल दहलाने वाली घटनाएं
- लातेहार की दो दलित लड़कियों को हाल ही में गढ़वा में बंधक बना कर एक सप्ताह तक सामूहिक दुष्कर्म किया जाता रहा. बेशक, छह आरोपी सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं लेकिन सवाल है कि उन बच्चियों के लिए समाज क्या कर रहा है.
- लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना की घटना को याद रखना चाहिए. 4 अक्टूबर 2022 को एक महिला के साथ आईआरबी के दो जवानों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. रक्षक ही राक्षस बन गये थे. उस महिला के साथ ऐसी दरिंदगी की गई थी कि उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. दोनों बर्खास्त किए जा चुके हैं.
- गिरिडीह के बिरनी की घटना शायद ही कोई भूला हो. दूसरे समुदाय के युवक ने नाबालिग को प्रेमजाल में फंसाकर अस्मत लूट ली थी. डरी सहमी बच्ची ने कुएं में छलांग लगा दी. उसे कुएं से जरूर निकाल लिया गया लेकिन कुछ घंटे में ही चल बसी. इस मामले में मोहम्मद कैफ नामक युवक और उसके परिजनों को जेल भेजा गया. इसी जिले के मुफ्फसिल थाना का जमादार हद पार गया. उसने एक युवती का यौन शोषण किया. आज भी पुलिस उसे ढूंढ रही है.
- धनबाद के कतरास में 20 मार्च को दिल दहलाने वाली घटना हुई. हैवानों ने लिलोरी मंदिर परिसर के जिला परिषद पुराने पार्क में दिनदहाड़े दलित नाबालिग किशोरी के साथ गैंगरेप किया. दो की गिरफ्तारी हुई और दो अभी भी फरार हैं. स्वत: संज्ञान लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम पीडि़ता से मिली थी.
- धनबाद जिला के केंदुआडीह थानाक्षेत्र में एक राशन दुकानदार ने तो इंसानियत की सारी सीमाएं लांघ दी. उसनें 11 साल की बच्ची को सॉफ्ट टारगेट बना लिया. बच्ची गर्भवती हो गई. आज वह हैवान सलाखों के पीछे है.
- बोकारो में जुलाई 2022 में हुई घटना को याद करने पर रूह कांप जाती है. तीन हैवानों ने 9वीं क्लास की छात्रा का अपहरण तीन माह तक गैंगरेप किया . जब वह गुहार लगाती तो उसको पीटा जाता था. बोकारो में 9 मार्च 2022 को पेटरवार थाना क्षेत्र में एक नाबालिग दलित किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इस घटना से आक्रोशित लोग सड़क पर उतर आए. भीड़ हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्च और आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. अगर आरोपी भीड़ के हत्थे चढ़ जाते तो कानून का तार-तार होना तय था.
ऐसी घटनाओं की फेहरिस्त काफी लंबी है. कई मामले लोक लाज के डर से दब जाते हैं. सिसकियों पर घर वाले आंसू के मरहम लगाते लगाते रोजमर्रा की जरूरतों में उलझ जाते हैं. हालत ऐसी हो गई है कि कोई बच्ची को अकेले ट्यूशन भेजने से भी घबराता है. क्योंकि हैवानियत की घटनाएं तेजी से बढ़ीं हैं. सिस्टम और समाज ने अपराधमुक्त व्यवस्था बनाने में एक दूसरे का सहयोग नहीं किया तो पता नहीं आने वाली पीढ़ी को क्या-क्या भुगतना पड़ेगा.