रांची: ठंड बढ़ते ही दिल के मरीजों को अपना खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल प्रकाश बताते हैं कि सर्दियों में अमूमन हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. रिम्स अस्पताल में इस वर्ष दिल से जुड़ी बीमारी के करीब 50 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं (heart patients increased at RIMS). ठंड का मौसम आते ही हृदय से ग्रसित मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत है ताकि लोग खुद को सुरक्षित रख पाएं.
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ठंड में क्यों बढ़ती है दिल की बीमारीः हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंशुल प्रकाश बताते हैं कि ठंड के मौसम में हृदय से ग्रसित मरीजों की परेशानी बढ़ने के कई कारण हैं (heart patients increased at RIMS on cold). जैसे ठंड में हृदय संबंधित लोग व्यायाम नहीं कर पाते हैं. लोगों का घर से निकलना कम हो जाता है. शरीर की वर्जिश ना होने से शिथिलता आ जाती है. इसके अलावा ठंड में खान-पान भी बदल जाते हैं. खाने में तेल या गर्मी पैदा करने वाले भोजन का ग्रहण किया जाता है. इस कारण गैस की समस्या से भी ह्रदय रोगियों की बीमारी पर सीधा असर पड़ता है.
ऐसे बरतें सावधानीः उन्होंने बताया कि रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की बात करें तो करीब 50 प्रतिशत मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. सिर्फ ओपीडी ही नहीं बल्कि सर्जरी विभाग में भी ठंड के बढ़ते ही मरीज पहुंच रहे हैं. हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में हृदय रोगियों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे अर्ली वार्निंग सिस्टम(EARLY WARMING SYSTEM) पर ध्यान देना चाहिए. ठंड में लोग सुबह-सुबह टहलने से परहेज करते हैं, ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारी से ग्रसित मरीजों को परेशान करती है. हृदय रोगियों को प्रतिदिन कम से कम 1 किलोमीटर तक जरूर वॉक करना चाहिए ताकि शरीर में भारीपन जैसी समस्या महसूस ना हो. हृदय रोगियों को तेल, घी वाले भोजन से परहेज करना चाहिए और भोजन में ज्यादा नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सर्दियों में बचाव के लिए पानी की मात्रा भी शरीर में उचित रखें एक बार में ज्यादा पानी पीने की जगह थोड़ा-थोड़ा करके जल ग्रहण करें.