रांची: अगर आपको किसी केस के सिलसिले में झारखंड हाईकोर्ट जाना है तो भूलवश डोरंडा ना चले जाएं. क्योंकि वहां का लाल बिल्डिंग अतीत के पन्नों में समा गया है. अब केस के सिलसिले में धुर्वा जाना होगा. वहां नवनिर्मित भवन में सोमवार यानी 12 जून से नियमित सुनवाई शुरू हो जाएगी. पहले दिन ही जेट यानी झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल से जुड़े मामले की सुनवाई संविधान पीठ करेगी. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा, जस्टिस रत्नाकर भेंगरा, जस्टिस दीपक रौशन, जस्टिस अनुभा रावत चौधरी और जस्टिस नवनीत कुमार की संविधान पीठ जेट मामले में दो कोर्ट के अलग-अलग फैसले पर सुनवाई करेगी.
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दरअसल, झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल के खिलाफ एकल पीठ में अपील की गई थी. फिर एक पीठ ने अपने आदेश में कहा कि खंडपीठ में जेट के आदेश के खिलाफ अपील होगी. वहीं एक दूसरे मामले में दूसरें बेंच ने कहा कि एकलपीठ में ही अपील की सुनवाई होगी. जेट से जुड़े मामले में दो अलग-अलग आदेश के बाद चीफ जस्टिस ने सुनवाई के लिए पांच जजों का बेंच गठित कर दिया था. इस मामले की सुनवाई 12 जून को 2.15 बजे होगी. पूर्व में झारखंड हाईकोर्ट की संविधान पीठ ने साल 2003 में 1932 पर आधारित स्थानीय नीति को खारिज किया था. इसके अलावा पिछड़ों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने और 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने के सरकार के निर्णय को खारिज किया था.
इसके अलावा नवनिर्मित हाईकोर्ट भवन में कई पीआईल पर भी सुनवाई होगी. पहले दिन कोर्ट नंबर एक में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की डिवीजन बेंच में कई मामलों की सुनवाई होगी. कोर्ट नंबर दो में जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा के डिवीजन बेंच में सुनवाई होगी. इसके अलावा कोर्ट नंबर तीन से कोर्ट नंबर 20 तक अलग-अलग जजों की खंडपीठ और सिंगल बेंच मामलों की सुनवाई करेगी. कुछ मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी होगी.
आपको बता दें कि 24 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धुर्वा में करीब 550 करोड़ की लागत से बने हाईकोर्ट भवन का उद्घाटन किया था. इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कई जस्टिस और न्यायविद मौजूद थे.