झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

देवघर श्रावणी मेले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित

hearing on pil of nishikant dubey in jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट

By

Published : Jun 30, 2020, 12:28 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 9:09 PM IST

12:17 June 30

विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के मामले में सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.

देखें पूरी खबर

रांचीःविश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के मामले में सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब 2 जुलाई को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.

विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकार के अधिवक्ता, बिहार सरकार के अधिवक्ता और केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

ये भी पढ़ें-विशाखापत्तनम में गैस लीक होने से दो की मौत, चार घायल

मेला का आयोजन करना उचित नहीं

मेले के आयोजन को लेकर झारखंड सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने राज्य सरकार, देवघर बाबा मंदिर न्यास बोर्ड और धर्म रक्षक सभा की ओर से अदालत में जवाब पेश किया. उन्होंने अदालत को बताया कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मेले का आयोजन नहीं किया जा सकता है. क्योंकि यह विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला है. यहां देश और विदेश से श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए आते हैं. ऐसी स्थिति में मेला का आयोजन करना उचित नहीं होगा. क्योंकि संक्रमण को किसी भी स्तर से रोका नहीं जा सकता है. 

गाइडलाइंस के आधार पर मेला का आयोजन

महाधिवक्ता ने कहा कि श्रावणी मेला की तुलना जगन्नाथपुरी मेला से नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि वहां पर 1 दिन का मेला होता है, जबकि श्रावणी मेला 1 महीने का होता है. उन्होंने अदालत को बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी ने मेले के आयोजन के बिंदु पर विस्तृत विचार-विमर्श किया. उसके बाद यह निर्णय लिया गया है. वहीं, बिहार सरकार की ओर से अदालत में जवाब दी गई है कि श्रावणी मेला झारखंड में लगता है. इसलिए इस मामले में झारखंड सरकार को ही निर्णय लेना उचित होगा. उन्होंने अपने जवाब में कहा कि कुछ दूरी सिर्फ बिहार में पड़ता है, इसलिए अगर झारखंड सरकार चाहे तो कुछ गाइडलाइंस के आधार पर मेला का आयोजन कर सकती है.

श्रावणी मेले का आयोजन 

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में बताया गया कि ये आस्था का प्रश्न है. बरसों से सावन के पवित्र महीने में श्रावणी मेले का आयोजन देवघर में किया जाता रहा है. इसलिए केंद्र सरकार के गाइडलाइंस के आधार पर मेले के आयोजन की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि कम ही लोग की सही, लेकिन मेले के आयोजन की स्वीकृति दी जानी चाहिए. बता दें कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत शीघ्र फैसला सुनाएगी.

Last Updated : Jun 30, 2020, 9:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details