रांची: प्राथमिक शिक्षक की ओर से पुरानी पेंशन की मांग को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट(Jharkhand High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार को तीन हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है. जवाब में ये बताना होगा कि जब एक ही विज्ञापन से नियुक्ति की गई, तो कुछ शिक्षकों को पुरानी और कुछ और नई पेंशन क्यों दी जा रही है?
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन (Jharkhand High Court Judge Anand Sen) की अदालत में प्राथमिक शिक्षक ऊषा यादव समेत दूसरों की ओर से पुरानी पेंशन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता, सरकार के अधिवक्ता और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखने के लिए जुड़े.
झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता धीरज कुमार अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने को कहा है. जवाब पेश किए जाने के बाद ही मामले पर आगे सुनवाई होगी. मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त की तारीख निर्धारित की गई है.
सुनवाई में क्या हुआ?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि 2002 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञापन निकाला गया था.
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उस विज्ञापन में कुछ अभ्यर्थियों की नियुक्ति 2003 में की गई थी, लेकिन कुछ की नियुक्ति उसके बाद 2005 की गई थी. जबकि साल 2004 में नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी, लेकिन ये विज्ञापन नई पेंशन योजना से पहले का है. इसलिए उस विज्ञापन के तहत नियुक्त सभी को पुरानी पेंशन का लाभ दी जाए, जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को अपना जवाब पेश करने को कहा है.