रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है. चारा घोटाला के तीन मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिली हुई है. ऐसे में चौथे मामले में जमानत मिलते ही वो जेल से रिहा होंगे.
आज हाई कोर्ट के जज अप्रेश कुमार की अदालत में सुनवाई कर रहे हैं. लालू के वकील प्रभात कुमार अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली से लालू की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल वर्चुअल जुड़े हैं. तो सीबीआई के वकील भी अपनी दलील पेश कर रहे हैं.
जमानत मिलने पर क्या है प्रक्रिया
अगर उन्हें जमानत मिल जाती है, फिर भी वह शुक्रवार को जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे. अगर बहुत तेजी से काम किया गया तो शनिवार की शाम तक बाहर हो पाएंगे, अगर शनिवार को सभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई तो मंगलवार यानी 1 दिसंबर को रिहा होंगे, क्योंकि रविवार को तो कोर्ट बंद ही रहता है, सोमवार को निचली अदालत में अवकाश है.
हाई कोर्ट के अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार से इस बिंदु पर बात करने पर उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट से अगर लालू को जमानत दी जाती है तो, उसके बाद न्यायाधीश के द्वारा आदेश लिखा जाता है, फिर उन्हें ऑफिशियल प्रक्रिया पूरी करने के बाद न्यायाधीश का हस्ताक्षर होता है, उसके बाद फिर आदेश को निचली अदालत में भेजा जाता है. हाई कोर्ट से भेजी गई आदेश जब निचली अदालत पहुंचता है, उसके बाद जमानत में दिए गए शर्त के अनुसार याचिकाकर्ता को निचली अदालत में बेल बॉन्ड भरना पड़ता है, बेल बॉन्ड की प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत फिर निचली अदालत के आदेश को जेल अधिकारी के पास भेजा जाता है.
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जब निचली अदालत के आदेश की कॉपी जेल प्रशासन को जाएगी, उसके बाद जेल प्रशासन उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूर्ण करेगी, उसके बाद लालू प्रसाद की रिहाई संभव हो पाएगी. ऐसे में यह स्पष्ट है कि 27 नवंबर को लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी उस दिन उनकी रिहाई नहीं हो सकेगी.