रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के जमानत पर दांव पेंच या शह-मात का खेल शुरू हो गया है. पहले सीबीआई की ओर से लालू यादव की जमानत को रोकने के लिए दांव चलते हुए 14 साल की सजा की बात कह एक नई चाल चली गई थी. वहीं सीबीआई के दांव पर लालू यादव द्वारा भी हाई कोर्ट में जवाब पेश किया गया है. लालू प्रसाद के अधिवक्ता का कहना है कि, 7 साल की सजा दी गई है, जिसमें आधी सजा पूरी कर ली गई है, उन्हें जमानत दी जाए.
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लालू यादव के लिए शुक्रवार का दिन अहम होगा. 16 अप्रैल को दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. फिलहाल लालू प्रसाद के समर्थकों और परिजनों की नजर हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है. हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
16 अप्रैल को सुनवाई
अदालत में 9 अप्रैल को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई को जवाब के लिए समय दिया था. सीबीआई ने अदालत में अपना जवाब पेश कर नया दांव चला कि, दुमका कोषागार में लालू प्रसाद को 14 वर्ष की सजा दी गई है. सीबीआई के इस जवाब पर लालू प्रसाद की ओर से भी जवाब दे दी गई है, जिसमें कहा गया है कि, नहीं 7 साल की ही सजा मानी जाएगी. सीबीआई और लालू प्रसाद की यह दांव पेंच या यह कहें कि शतरंज के खेल के जैसे शह और मात वाली चाल शुरू हो गई है. देखना होगा 16 अप्रैल को अदालत का निर्णय क्या होता है?