रांची:झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को पलामू, गढ़वा और लातेहार में अवैध माइनिंग मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने तीनों जिलों के डीसी को आदेश दिया है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह की अवैध माइनिंग न हो. कोर्ट ने यह भी कहा है कि खनिज की अवैध ट्रांसपोर्टिंग भी नहीं होनी चाहिए. इस मसले को गंभीर बताते हुए कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी को 26 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
Jharkhand News: पलामू, गढ़वा और लातेहार में अवैध माइनिंग मामले में कमेटी हाई कोर्ट को नहीं सौंप सकी रिपोर्ट, अदालत ने 26 अप्रैल तक का दिया समय - पलामू गढ़वा और लातेहार में अवैध माइनिंग
झारखंड के तीन जिलों में अवैध माइनिंग मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दरअसल, पूर्व की सुनवाई में अदालत ने मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था और अगली सुनवाई में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था, लेकिन कमेटी अदालत को रिपोर्ट नहीं सौंप सकी. कमेटी ने अदालत से अतिरिक्त समय की मांग की, जिसपर कोर्ट ने अपनी स्वीकृति दे दी है.
आईजी के नेतृत्व में टीम कर रही अवैध खनन की जांचः दरअसल, पंकज कुमार यादव ने अवैध माइनिंग और अवैध ट्रांसपोर्टिंग के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने फोन पर ईटीवी भारत को बताया कि इसपर सुनवाई के दौरान 14 मार्च को हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश दिया था. आईजी असीम विक्रांत मिंज के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी को 18 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था.
रिपोर्ट देने के लिए कमेटी ने अदालत से मांगा अतिरिक्त समयः मंगलवार को सुनवाई के दौरान कमेटी की ओर से हाईकोर्ट को रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है. कमेटी ने रिपोर्ट देने के लिए अदालत से अतिरिक्त समय की मांग की. इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अभी भी अवैध माइनिंग और अवैध ट्रांसपोर्टिंग का काम जारी है. दूसरी तरफ सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया.