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असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति का विज्ञापन रद्द करने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई, गरीब सवर्णों के आरक्षण से जुड़ा है मामला

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Published : Jun 9, 2021, 5:19 PM IST

असिस्टेंट इंजीनियर की नियुक्ति में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका में हाईकोर्ट के विज्ञापन रद्द कर फिर से विज्ञापन निकालने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए दूसरे सक्षम बेंच गठित करने की बात कही है.

RANCHI HIGH COURT
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका में विज्ञापन रद्द कर फिर से विज्ञापन निकालने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई.

राज्य सरकार की ओर से अदालत से शीघ्र मामले की सुनवाई की मांग की गई. उन्होंने अदालत को बताया कि मुख्य परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश को रद्द करने की मांग की है. अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए दूसरे सक्षम बेंच गठित करने की बात कही है.

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मामले में अब दूसरी बेंच करेगी सुनवाई

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने असिस्टेंट इंजीनियर परीक्षा के विज्ञापन को रद्द कर फिर से विज्ञापन निकालने के आदेश को चुनौती देने वाली एलपीए याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई. अदालत ने इस बेंच में मामले की सुनवाई से इंकार कर दिया है शीघ्र मामले में दूसरे बेंच गठित कर याचिका की सुनवाई की जाएगी.

रिक्त पद 2019 से पहले के हैं

पूर्व में एकल पीठ में असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने के विरोध में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता रंजीत कुमार की ओर से अधिवक्ता सौरव शेखर ने अदालत को बताया था कि, असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देना उचित नहीं होगा.

क्योंकि असिस्टेंट इंजीनियर की जो नियुक्ति हो रही है उसमें जो रिक्त पद है वह वर्ष 2019 से पूर्व के हैं और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का नियम 2019 में बना है, वह वर्ष 2019 से लागू किया जा सकता है, उससे पूर्व के रिक्त पद पर यह नियम लागू नहीं किया जा सकता है.

नियम के हिसाब से लागू किया जाता है आरक्षण: सरकार

वहीं सरकार का कहना था कि, जब विज्ञापन निकाला जाता है. उस समय में जो नियम रहता है उसी के अनुरूप आरक्षण लागू किया जाता है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत पूर्व में निकाले गए विज्ञापन को रद्द कर पुनः विज्ञापन निकालने का आदेश दिया था.

634 पदों पर नियुक्ति के लिए निकाला गया था विज्ञापन

झारखंड लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2019 में असिस्टेंट इंजीनियर के 634 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. पीटी परीक्षा ले ली गई थी, पीटी का रिजल्ट भी प्रकाशित किया गया था. उसके बाद शुक्रवार 22 जनवरी 2021 से मुख्य परीक्षा होनी थी, लेकिन अब विज्ञापन रद्द हो जाने के कारण परीक्षा नहीं हो पाई.

राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग के एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. उसी याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. अब दूसरे सक्षम बेंच में शीघ्र मामले की सुनवाई होगी.

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