रांची: बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले की सुनवाई कर रहे विधानसभाध्यक्ष न्यायाधिकरण में एक बार फिर बुधवार को इस केस की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान स्पीकर कोर्ट में बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखते हुए झारखंड हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आरएन सहाय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर दाखिल केस की सुनवाई हाई कोर्ट में चल रही है, फैसला आने तक दलबदल मामले की सुनवाई स्थगित रखी जाय. इस मामले में अगली सुनवाई 6 अप्रैल को निर्धारित है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को हाई कोर्ट के निर्देश पर जवाब भी दाखिल करना है.
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बाबूलाल मरांडी की ओर से रखे गए पक्ष पर जवाब देते हुए बंधु तिर्की के वकील सुमीत गडोदिया ने कहा कि दोनों केस अलग-अलग है, इसलिए इसकी सुनवाई जल्द पूरी कर कोर्ट दलबदल केस में फैसला दें. दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पीकर कोर्ट ने अगली सुनवाई तक के लिए इस केस की सुनवाई 24 मार्च को टाल दिया.
क्या है मामला
जेवीएम का बीजेपी में मर्जर को चुनौती देते हुए स्पीकर कोर्ट में 4 याचिका दाखिल की गई है, जिसके आधार पर बाबूलाल मरांडी की सदस्यता को निरस्त करने की अपील की गई है. बाबूलाल मरांडी के खिलाफ विधायक बंधु तिर्की और विधायक प्रदीप यादव ने याचिका दाखिल कर स्पीकर कोर्ट में जेवीएम का बीजेपी में मर्जर को असंवैधानिक बताते हुए दसवीं अनुसूची का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. संविधान की दसवीं अनुसूची की धारा 4 के पैराग्राफ 2 के तहत स्पीकर के ट्रिब्यूनल को तय करना है कि किसका मर्जर संवैधानिक है.
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17 फरवरी 2020 को हुआ था मर्जर
जेवीएम का बीजेपी में मर्जर 17 फरवरी 2020 को हुआ था. अमित शाह की मौजूदगी में रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में बाबूलाल मरांडी अपने समर्थकों के साथ जेवीएम को बीजेपी में मर्ज करने की घोषणा की थी. हालांकि इस दौरान पार्टी के दो विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने अलग राह पकड़ते हुए बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया. विवाद तब गहराया जब बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल के नेता घोषित करते हुए स्पीकर से बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की अपील की.