रांची:राज्य के रेफरल अस्पताल रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने अदालत को बताया कि रिम्स के डायरेक्टर सामान खरीद कमेटी के अध्यक्ष होते हैं और वही सामान खरीदते हैं.
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अदालत ने रिम्स के डायरेक्टर को लगाई फटकार
वहीं, रिम्स के डायरेक्टर की ओर से बताया गया कि उन्होंने सामान की खरीद के लिए विभाग के पास प्रपोजल भेजा है, जिस पर अभी तक किसी भी तरह का कोई विचार-विमर्श नहीं की किया गया. अदालत ने दोनों अधिकारी के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनों अधिकारी को फटकार लगाई और कहा कि अधिकारी अपने दायित्व का फेका-फेंकी ना करें. उन्होंने रिम्स के डायरेक्टर को और विभाग के सचिव को कहा कि कोरोना के वैश्विक संकट में भी आपके यहां अत्यावश्यक सामान नहीं है. कोर्ट ने कहा कि वर्तमान समय आपातकाल है और ऐसी स्थिति में भी रिम्स में इमरजेंसी उपकरण नहीं है. उन्होंने रिम्स डायरेक्टर से पूछा कि सीटी स्कैन की मशीन रिम्स में है या नहीं? डायरेक्टर ने कहा कि नहीं रिम्स के पास सीटी स्कैन की मशीन नहीं है. प्राइवेट सीटी स्कैन मशीन है जिससे काम चल रहा है. अदालत ने इस पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की.
अदालत ने रिम्स डायरेक्टर को कहा कि आज ही सरकार को प्रपोजल भेजें और स्वास्थ्य विभाग के सचिव को कहा कि उनके द्वारा भेजे गए प्रपोजल पर जल्द ही निर्णय लें कि इमरजेंसी में सामान कैसे खरीदी जाए. ताकि गरीबों की जान बचाई जा सके. कोर्ट ने कहा कि हर हाल में सीटी स्कैन मशीन रिम्स में लगनी चाहिए ताकि कोरोना के इस संक्रमण काल में लोगों की जान बचाई जा सके. अदालत ने रिम्स को प्रपोजल भेजकर और विभाग को उस पर कार्यवाही करके अदालत को जानकारी देने को कहा है.
मामले पर शुक्रवार को फिर होगी सुनवाई
कोरोना के इस बढ़ते हुए संक्रमण काल की भी जानकारी अदालत ने ली. उन्होंने सचिव और रिम्स डायरेक्टर से पूछा कि राज्य में कितने कोरोना केस हैं? कितने कोरोना बेड हैं? कितने भरे हुए हैं? कितने खाली हैं? अब तक क्या कुछ कदम उठाए जा रहे हैं? संक्रमण को लेकर क्या कुछ किया जा रहा है? इसकी जानकारी भी अदालत में पेश करने को कहा है. बता दें कि रिम्स की लचर व्यवस्था को ठीक करने के लिए झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में ही राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने जवाब पेश करने को कहा था. हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार के अधिकारी भी सुनवाई के दौरान उपस्थित थे. रिम्स और विभाग की ओर से दिए गए जवाब पर अदालत ने काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग और रिम्स एक दूसरे पर काम थोप रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.