रांची: वाहन पर नाम पट्टिका लगाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने सरकार के जवाब पर नाराजगी व्यक्त की है. मामले में अदालत ने झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के परिवहन सचिव को लिखित रूप से स्पष्ट जवाब शपथ पत्र के माध्यम से पेश करने का निर्देश दिया है. अदालत ने यह जानना चाहा कि, जब नियम में यह प्रावधान है, कि सिर्फ सरकारी गाड़ी पर ही नाम पट्टिका या बोर्ड लगाई जाएगी, तो जनप्रतिनिधियों की निजी गाड़ी पर यह नाम पट्टिका लगाने की छूट कैसे दी गई? अदालत ने सरकार को 5 अगस्त से पूर्व अपना जवाब अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.
इसे भी पढे़ं: हिनू नदी अतिक्रमण मामले पर झारखंड हाई कोर्ट का सरकार को आदेश, कहा- हर हाल में मुक्त कराएं जमीन
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में वाहन पर नाम पट्टिका या बोर्ड लगाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई, कि सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को अपने वाहन पर नेम प्लेट या बोर्ड लगाने की छूट प्रदान की गई है. वहीं, इसी अधिसूचना में कहा गया है, कि बोर्ड सिर्फ सरकारी वाहनों पर ही लगाया जा सकता है, ऐसे में सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि अपने निजी वाहन पर कैसे बोर्ड लगा रहे हैं? अदालत ने इस मामले में परिवहन सचिव से स्पष्ट जानकारी मांगी है. अदालत ने पूछा है कि, निजी वाहन का उपयोग करने वाले जनप्रतिनिधियों को बोर्ड लगाने की अनुमति क्यों दी गई है?