रांची: राजधानी रांची के हिनू नदी को अतिक्रमण कर बनाए गए वोडाफोन कार्यालय को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती देने की बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई.
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सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि, कार्यालय के मालिक को नोटिस देकर उनके सामने नापी करवाई गई थी, जिस पर कार्यालय की ओर से अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि, हमें कोई नोटिस नहीं दी गई. अदालत ने उनसे पूछा कि, उस कार्यालय के कितने मालिक हैं? वह कितने भाई-बहन हैं? जिस पर उन्होंने बताया कि, वह कई भाई-बहन हैं. अदालत ने कहा कि, सभी को नोटिस अलग-अलग नहीं भेजा जा सकता है और अलग-अलग यह कहना कि, हमें नोटिस नहीं मिला है यह ठीक नहीं है. अदालत ने मामले से संबंधित सभी वादी को अपना पक्ष 24 जून से पहले अदालत में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.
24 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश पर हिनू नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने वोडाफोन कार्यालय द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त करने की कार्रवाई शुरू की थी. सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्रवाई के विरोध में याचिका दायर कर अदालत को जानकारी दी गई कि, उन्हें बिना नोटिस जारी किए हुए सरकार का यह कार्रवाई करना गलत था, जिस पर सरकार का कहना था कि हमने नोटिस दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान अरगोड़ा के सीओ ने अदालत में उपस्थित होकर सभी रिकॉर्ड पेश किया. मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.
पूजा सिंघल के खिलाफ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई
वहीं खूंटी जिला के मनरेगा में गड़बड़ी और कठौतिया कोल ब्लॉक जमीन आवंटन में गड़बड़ी के आरोपी अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से पूछा कि, जांच की अद्यतन स्थिति क्या है? इस पर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. वहीं याचिकाकर्ता को भी अदालत ने अपना क्रैडेंशियल बताने का और एसीबी के एडीजी को भी मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.
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4 सप्ताह बाद होगी मामले की अगली सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में खूंटी जिला में मनरेगा योजना में गड़बड़ी में तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की संलिप्तता की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों कुछ सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से पूछा कि, मामले की अब तक जांच की क्या स्थिति है? इसको बताएं, अब तक जांच में क्या-क्या हुआ है? इसकी विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है. वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता को भी यह बताने को कहा है वे अपना क्रेडेंशियल बताएं. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.
तत्कालीन डीसी पर मनरेगा में गड़बड़ी का आरोप
याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर खूंटी के तत्कालीन डीसी के खिलाफ मनरेगा में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी. मामले में तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था. उनकी संलिप्तता की जांच की मांग की गई थी. उसी मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी को अपना क्रेडेंशियल बताने को कहा है. वहीं केंद्र और राज्य सरकार को मामले की अद्यतन जांच की स्थिति पेश करने को कहा है.