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रांची-पटना एनएच मामले में सरकार के जवाब से झारखंड हाई कोर्ट नाराज, कहा- शपथ पत्र करें दाखिल

झारखंड हाई कोर्ट ने पटना-रांची एनएच मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को यह बताने को कहा कि राज्य में सड़क निर्माण के लिए अब तक कितने पेड़ काटे गए हैं? और कितने ट्रांसप्लांट किए गए हैं? किन किन इलाकों में पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं?

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Published : Sep 30, 2021, 9:59 PM IST

Jharkhand High Court
Jharkhand High Court

रांची: पटना-रांची एनएच को ठीक करने के मामले में लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई अदालत ने मामले में बिहार सरकार और झारखंड सरकार दोनों से जवाब तलब किया है.

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अदालत ने बिहार सरकार को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि वाइल्ड लाइफ बोर्ड का पुनर्गठन कब तक कर लिया जाएगा? वहीं झारखंड सरकार को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि सड़क चौड़ीकरण करने के क्रम में कितने पेड़ काटे गए और कितने पेरों को ट्रांसप्लांट किया गया है. अदालत ने दोनों ही सरकार को 21 अक्टूबर से पूर्व जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि वाइल्ड लाइफ बोर्ड के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है और जल्द ही इसका गठन कर दिया जाएगा. बिहार सरकार की ओर से इसकी जानकारी देने के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया और 21अक्टूबर तक शपथपत्र के माध्यम से जानकारी देने का निर्देश दिया.

अदालत ने एनएचएआई से कहा कि कोडरमा से रजौली तक की सड़क अभी भी जर्जर है. यह सड़क चलने लायक नहीं है. बार - बार निर्देश दिए जाने के बाद भी एनएचएआई सिर्फ गड्ढा भर रहा है. भारी वाहनों के चलने से रास्ता टूट जा रहा है. इस पर एनएचएआई की ओर से बताया गया कि बरसात में अलकतरा का काम नहीं किया जाता है. बरसात समाप्त होते ही पूरी सड़क को बेहतर तरीके से बना दी जाएगी.

अदालत ने कहा कि बिहार में एनएच के चौड़ीकरण और नयी सड़क बनाने के दौरान पेड़ों को काटा नहीं जा रहा. उन्हें ट्रांसप्लांट किया जा रहा है. झारखंड में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है. इस पर अदालत को बताया गया कि झारखंड में भी पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं. अदालत इससे संतुष्ट नहीं हुआ और सरकार को शपथपत्र दाखिल कर यह बताने को कहा कि राज्य में सड़क निर्माण के लिए अब तक कितने पेड़ काटे गए हैं? और कितने ट्रांसप्लांट किए गए हैं? किन किन इलाकों में पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं? और इसमें कितने पेड़ जीवित है? मामले की अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी.

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