रांची: डायन के नाम पर झारखंड में बढ़ रहे लगातार हत्या को रोकने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में राज्य सरकार के जवाब पर असंतुष्टि व्यक्त करते हुए फिर से जवाब पेश करने को कहा है.
इसे भी पढे़ं: लॉ कॉलेज सामूहिक दुष्कर्म मामलाः नाबालिग दोषी को मिला आजीवन कारावास
अदालत ने पूछा कि, राज्य सरकार के सिर्फ एक्ट बना देने से क्या होगा? धरातल पर क्या काम हुई है? अब तक इस तरह की वारदात को रोकने के लिए क्या-क्या किया गया है? उन्होंने कहा है कि राज्य में जो डायन बता कर हत्या की जा रही है. इस पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है. इसके लिए लोगों में जागरूकता चलाने की भी जरूरत है. उन्होंने झालसा को निर्देश देते हुए यह कहा कि, इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अभी तक क्या क्या कदम उठाया गया है? इसपर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा है. स्कूल के बच्चों को भी जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि नहीं? पारा लीगल वालंटियर से भी जागरूकता फैलाने में मदद ली जा रही है या नहीं? साथ ही अधिवक्ताओं को भी जागरूकता फैलाने के लिए आगे होना चाहिए. समाज में जब तक जागरूकता नहीं फैलाई जाएगी तब तक इस तरह के मामले पर अंकुश लगाना मुश्किल प्रतीत होती है. मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को तय की गई है.