रांची: झारखंड से लगातार बच्चे के लापता होने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से अदालत में जवाब सौंपा गया. जवाब में बताया 2020 में 136 बच्चे लापता हुए थे, जिसमें 133 को खोज लिया गया है. जबकि 2019 में 536 बच्चे लापता थे, जिसमें से 519 बच्चे को खोज लिया गया. अदालत ने अन्य बच्चों को खोजने के लिए सरकार क्या कर रही है? इस पर जवाब पेश करने को कहा है.
लापता बच्चों को लेकर सरकार ने हाई कोर्ट में दिया जवाब, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
झारखंड से लगातार बच्चे के लापता होने के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार की ओर से अदालत में जवाब सौंपा गया. अदालत ने उन्हें प्रगति रिपोर्ट के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.
प्रगति रिपोर्ट के माध्यम से जवाब पेश करने का आदेश
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में बच्चों के लापता होने को लेकर लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता ने अदालत में जवाब पेश किया. अधिवक्ता ने बताया कि साल 2019 में 536 बच्चों में से 519 बच्चे की खोज कर लिया गई है, जबकि साल 2020 में 136 बच्चों में से 133 बच्चे को खोज लिया है. शेष जो बच्चे लापता है उसे भी खोजने का कार्य चल रहा है. शीघ्र ही उसे भी खोज लिया जाएगा. अदालत ने उन्हें प्रगति रिपोर्ट के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.
बता दें कि स्थानीय समाचार के रिपोर्टिंग के आधार पर झारखंड हाई कोर्ट ने लगातार बच्चे के लापता होने की रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है. उसी स्वतः संज्ञान याचिका पर अदालत में सुनवाई के उपरांत राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि कितने ट्रैफिकिंग के आरोपियों पर कार्रवाई की गई है? इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.