रांचीःअसिस्टेंट इंजिनियर नियुक्ति मामले (Assistant Engineer appointment case) में बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रार्थी भास्कर कुमार एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि स्पोर्ट्स कोटा, महिला कोटा और दिव्यांग कोटा के तहत अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया गया है. लेकिन इसको लेकर कोई नीति नहीं है.
असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने जेपीएससी से मांगा जवाब - न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर
झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले (Assistant Engineer appointment case) की सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जेपीएससी की ओर से कई स्तर पर गलती की गई है. अधिवक्ता के सवाल पर कोर्ट ने जेपीएससी से जवाब मांगा है.
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अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि विज्ञापन में भी इन बातों का उल्लेख नहीं किया गया था. इसके साथ ही कट ऑफ सूची भी दो भागों में जारी किया गया है, जो ठीक नहीं है. केटेगरी में बांटकर रिजल्ट जारी करना और कट ऑफ जारी करना गलत है. इससे स्पष्ट होता है कि जेपीएससी ने आरक्षण दिया है
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि असिस्टेंट इंजीनियर की नियुक्ति के लिए 21 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. लेकिन रिजल्ट सिर्फ 4700 छात्रों का ही जारी किया गया. अदालत ने प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से उठाये गए सवाल पर जेपीएससी से जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में हुई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को निर्धारित की गई है.