रांची: राजधानी रांची स्थित रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ट्यूटर पद पर होने वाली नियुक्ति के लिए आरक्षित सीट को ईडब्ल्यूएस कोटा में डाल दिए जाने के रिम्स के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद रिम्स से 4 सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी. अदालत ने पूछा कि किस परिस्थिति में ऐसा किया गया है?
ट्यूटर नियुक्ति मामले पर हाई कोर्ट गंभीर, रिम्स से मांगा जवाब - appointment of tutor in RIMS
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ट्यूटर पद पर नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में रिम्स से चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
रिम्स में ट्यूटर नियुक्ति मामले की सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से अदालत को बताया गया कि उक्त पद के लिए होने वाली नियुक्ति के लिए जो इंटरव्यू लिए जाने थे उसे फिलहाल टाल दिया गया है. वहीं प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2020 में रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ट्यूटर पद के लिए विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें एसटी के लिए एक पद आरक्षित था. लेकिन इंटरव्यू को यह कहकर टाल दिया गया की इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति को कोविड है. आवेदक को 1 वर्ष तक कोई भी सूचना नहीं दी गई. इस बीच वर्ष 2021 में फिर से विज्ञापन निकाला गया जिसमें आरक्षित पद को ईडब्ल्यूएस कोटा में डाल दिया गया.
बता दें कि डॉक्टर स्नेहा सुप्रिया लाकड़ा ने रिम्स में हो रही नियुक्ति में ट्यूटर पद के लिए आवेदन दिया था. रिम्स प्रबंधन ने इंटरव्यू को टाल दिया. बाद में एसटी के लिए आरक्षित पद को ईडब्ल्यूएस कोटा में डाल दिया गया. रिम्स के इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.