झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

RIMS डॉक्टर प्रोन्नति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने राज्य सरकार से मांगा जवाब - अदालत ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रोन्नति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने प्रार्थी और रिम्स का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया.

Hearing in high court in RIMS doctor promotion case, RIMS डॉक्टर प्रोन्नति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई
हाई कोर्ट

By

Published : Jun 16, 2020, 7:14 AM IST

रांची: न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रोन्नति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थी और रिम्स का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए नाै जुलाई की तिथि निर्धारित की.

समिति में दो विशेषज्ञ सहित सात सदस्य

इससे पहले रिम्स की ओर से डॉ. अशोक कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि वर्ष 2018-2019 में कालबद्ध प्रोन्नति नहीं दी गयी. वर्तमान निदेशक डीके सिंह ने 2018, 2019 और 2020 में कालबद्ध प्रोन्नति देने के लिए इच्छुक चिकित्सकों से आवेदन मांगा. कालबद्ध प्रोन्नति के तहत यदि पद रिक्त नहीं भी है, तो पद अपग्रेड हो जाएगा. असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर बन जाएंगे और एसोसिएट प्रोफेसर बन जायेंगे एडिशनल प्रोफेसर. एडिशनल प्रोफेसर प्रोफेसर बन जाएंगे. स्थायी प्रोन्नति समिति ही प्रोन्नति पर निर्णय लेती है, जिसके अध्यक्ष विकास आयुक्त होते हैं. समिति में दो विशेषज्ञ सहित सात सदस्य होते हैं. निदेशक ने त्याग पत्र नहीं दिया है, बल्कि चयन होने के कारण उन्होंने विरमित करने के लिए आवेदन दिया है.

और पढ़ें- CM का पड़ोसी बनना पूर्व आईएएस को पड़ा महंगा, हमेशा चर्चा में रहता है कांके रोड का यह बंगला

वहीं, प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए अदालत से प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. बताया गया कि वर्तमान निदेशक ने त्याग पत्र दे दिया है. तीन महीने के नोटिस अवधि में कार्य कर रहे हैं. एम्स भटिंडा में इनका चयन हो गया है. सरकार ने इन्हें दैनिक कार्य करने को कहा है. वैसी स्थिति में इनके कार्यकाल में प्रोन्नति की जारी प्रक्रिया को एग्जामिन करने से रोका जाए. प्रार्थी ने निदेशक पर यह भी आरोप लगाया कि वह दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य कर रहे हैं. अभी चिकित्सक कोरोना से संघर्ष कर रहे हैं. प्रोन्नति के लिए आवेदन में जो सूचना मांगी गयी है, वह रिम्स रेगुलेशन के खिलाफ है. इसलिए प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगायी जाए. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ. निसिथ एम पाल एक्का और अन्य की और से याचिका दायर की गयी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details