रांची: राज्य के सहायक अभियंता नियुक्ति के पीटी परीक्षा में आरक्षण (Reservation in Assistant Engineer appointment PT exam) देने के एकल पीठ द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई. अपीलकर्ता के अधिवक्ता की ओर से बहस पूरी कर ली गई है. अब राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) की ओर से बहस किया जाएगा. मामले की सुनवाई जारी रही अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 9 नवंबर को तय किया है.
सहायक अभियंता नियुक्ति पीटी परीक्षा में आरक्षण मामले पर सुनवाई जारी, 9 नवंबर मुकर्रर हुई अगली तिथि - झारखंड न्यूज
सहायक अभियंता नियुक्ति के पीटी परीक्षा में आरक्षण (Reservation in Assistant Engineer appointment PT exam) को गलत बताकर पीटी का संशोधित रिजल्ट या उसे रद्द करने की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से बहस पूरी हो गई. अगली सुनवाई में राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग की ओर से बहस होगी.
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मामले में जेपीएससी की ओर से कहा गया कि प्रारंभिक परीक्षा में रिजर्वेशन नहीं दिया गया है. एकल पीठ ने भी जेपीएससी की दलील को सही मानते हुए प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने पूर्व में कहा है कि अगर इस विज्ञापन के आधार पर कुछ नियुक्ति होती है तो वह इस एलपीए के अंतिम निर्णय से प्रभावित रहेगी. कोर्ट ने जेपीएससी को कहा था कि वैसे अभ्यर्थी जो इंटरव्यू में शामिल हुए थे, उन्हें भी इसकी जानकारी दे दी जाए. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, राकेश रंजन और प्रिंस कुमार ने पैरवी की.
सरकार बताए कोटि और कोटा में क्या अंतर:सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल कर यह बताने के लिए कहा है कि कोटि और कोटा में क्या अंतर है. सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से कहा गया कि रिजल्ट प्रकाशन पर रोक लगाई जाए, जिसका जेपीएससी ने विरोध किया. जेपीएससी की ओर से कहा गया कि इस मामले में कोर्ट ने पूर्व में यह आदेश दिया है कि इस याचिका के फैसले से रिजल्ट प्रभावित होगी. इसके बाद कोर्ट ने रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
एकल पीठ से याचिका खारिज करने पर खंडपीठ में चुनौती:प्रार्थी की ओर से पीटी परीक्षा में आरक्षण दिए जाने को गलत बताते हुए एकल पीठ में इससे पहले रिट दायर की गई थी. उनकी ओर से कहा गया था कि सहायक अभियंता नियुक्ति से संबंधित पीटी परीक्षा में आरक्षण देना गलत है. उनकी ओर से पीटी का संशोधित रिजल्ट या उसे रद्द करने का आग्रह किया गया था, जिसे एकल पीठ ने खारिज कर दिया था. अब इसे खंडपीठ में चुनौती दी गई है. मालूम हो कि याचिकाकर्ता भास्कर ने इस मामले में याचिका दायर कर कहा है कि सहायक अभियंता की नियुक्ति में कोटिवार रिजल्ट जारी किया गया है. वहीं आरक्षित श्रेणी के कुछ अभ्यर्थियों को आरक्षण देते हुए, सामान्य श्रेणी में रखा गया है. जबकि पीटी परीक्षा में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.