रांची: कोरोना के संकट में सबसे ज्यादा संघर्ष डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कर रहे हैं. कई ऐसे कर्मचारी हैं जो संक्रमित मरीजों का इलाज करते करते खुद भी संक्रमित हो रहे हैं, जिससे उनका व्यक्तिगत जीवन भी प्रभावित हो रहा है. कोरोना वायरस के इस जंग में फ्रंट वॉरियर के रूप में काम कर रहे पारा मेडिकल कर्मियों का व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन भी खासा प्रभावित हुआ है.
कई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित
रिम्स के पीएसएम डिपार्टमेंट में कार्यरत पारा मेडिकल कर्मी प्रीति कुमारी बताती हैं कि वो पिछले 4 महीनों से कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही थी, जिसके कारण 5 अगस्त को वह कोरोना से संक्रमित हो गई है और वो न तो अपने परिवार से मिल पा रही है और न ही अपने बच्चों से. ड्यूटी में लगे रहने के कारन उन्होंने 01 जुलाई को अपना मैरिज ऐनिवर्सरी भी नहीं मनाया, क्योंकि उनका मानना है कि कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है. 8 अगस्त को प्रीति कुमारी के बेटे का बर्थडे भी था, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से वह न तो अपने बेटे को विश कर पाई न ही बर्थडे में शरीक हो पाई, जिसका उन्हें मलाल है. वहीं अपनी मां को याद करते हुए उनका बेटा बताता है कि हर साल वह अपनी मां के साथ जन्मदिन मनाता था, लेकिन इस साल मां के कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से मां के साथ जन्मदिन नहीं मना पाया और उसका उसे काफी दुख है.
डॉक्टर्स परिवार को नहीं दे पा रहे समय
कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर निसित एक्का बताते हैं कि कोरोना के वजह से उनका परिवारिक जीवन भी काफी प्रभावित हुआ है क्योंकि कोरोना काल से पहले जब भी वह अपना ड्यूटी से घर वापस जाते थे, तो अपने बुजुर्ग पिता और 7 वर्ष बेटे के साथ बैठकर प्यार भरी बातें किया करते थे, लेकिन वर्तमान में हालात यह हो गई है कि न तो वह अपने बच्चे को समय दे पा रहे हैं, न ही अपने बुजुर्ग पिता को, क्योंकि कोरोना काल में डॉक्टर पहले अपने कर्म को तवज्जो दे रहे हैं फिर अपने परिवार को. वहीं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत बताते हैं कि कई बार हम लोग जाने अनजाने में ऐसे मरीजों का इलाज करते हैं जो कोरोना से संक्रमित होता है ऐसे में अगर हम अपने परिवार के सदस्यों एवं बच्चों से शारीरिक दूरी बनाकर नहीं रखेंगे तो संक्रमण का खतरा परिवार के सदस्यों को भी हो सकता है ऐसे में कई बार हम चाह कर भी अपना स्नेह अपने बच्चों को नहीं दे पाते हैं.