रांची: शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल और वन एवं पर्यावरण सचिव ए पी सिंह ने कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना के संकट काल में सरकार की ओर से किए गए कार्यों की जानकारी दी.
झारखंड में कोरोना के मुख्य नोडल पदाधिकारी और वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी प्रवासी मजदूर वापस आ रहे हैं उनका जिलास्तर पर डाटा बेस तैयार किया जा रहा है, जो 8 से 10 दिनों में तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में लगभग एक लाख प्रवासी मजदूर निजी सुविधाओं और अन्य माध्यमों से राज्य में पहुंचे हैं. इसके अतिरिक्त सरकार के जरिये चलाए गए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बसों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाया गया है.
वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत अब तक 66 लोगों को विदेश से वापस लाया जा चुका है, जबकि 1 जून तक विदेश में रह रहे 12 और लोगों को झारखंड लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बांग्लादेश में काम करने वाली भेल कंपनी के 170 कर्मचारियों को वापस लाने के लिए एनओसी दे दी गई है.
अब तक राज्य में कुल 193 ट्रेन मजदूरों को लेकर झारखंड पहुंच चुकी है
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के जारी किए गए निर्देश के बाद कई राज्यों से लोगों की वापसी हो रही है. अभी तक बस के माध्यम से लगभग एक लाख एक हजार 852 लोग झारखंड वापस आ चुके हैं, वहीं 193 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आ चुकी है और 12 ट्रेनें आगे के लिए शेड्यूल्ड है अभी तक दो लाख 57 हजार 411 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से राज्य वापस आ चुके है. राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास निर्गत किया जा रहा है. अभी तक कुल 3,58,263 लोगों को झारखंड लाया जा चुका है. वहीं 16875 लोगों को झारखंड से अब तक दूसरे प्रदेश भेजा गया है, जिसमें ट्रेन से जाने वाले 550 लोग शामिल हैं.