रांची:स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं. दरअसल सीएजी की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि झारखंड के विभिन्न अस्पतालों में 250 मुर्दों का इलाज आयुष्मान भारत स्कीम के तहत मुफ्त किया गया है. इस बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से सवाल किया गया तो उन्होंने बेहद ही गैर जिम्मेदार तरीके से जवाब दिया. इतना ही नहीं उन्होंने सवाल करने वाले पत्रकार को बीजेपी का खास आदमी तक बता दिया. इस मामले में बीजेपी ने गंभीर सवाल उठाए हैं
प्रदेश बीजेपी के मीडिया सहप्रभारी योगेंद्र प्रताप ने अपने ट्विटर पर लिखा 'ये हैं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी. आप सब खुद देखिए, स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ियों से संबंधित किसी भी सवाल पर ये कहीं से भी गंभीर दिख रहे हैं क्या? पत्रकारों द्वारा सवाल पूछने पर उन्हें भाजपाई का खास आदमी तक बताकर सवाल उठा रहे हैं. मंत्री साहब आप राज्य के एक महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री हैं और इस प्रकार हंसी ठिठोली वाला बचकाना बयान. चिंता मत कीजिए, कुछ दिन की बात है फिर दोहा चौपाई ही तो चौक चौराहों पर कहते रहना है.
वहीं इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी स्वास्थ्य मंत्री पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा 'पत्रकारों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी से CAG की रिर्पोट पर पूछा कि आपके विभाग में ही गड़बड़ी क्यों पकड़ी जाती है. उनका जवाब: आप BJP के आदमी हैं क्या? भ्रष्ट सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों की भ्रष्ट मानसिकता'
पत्रकारों ने जब स्वास्थ्य मंत्री से पूछा आपके विभाग में ही ये सब क्यों होता है. कभी मरे हुए डॉक्टर का ट्रास्फर हो जाता है. कभी मुर्दों का इलाज हो जाता है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकार पर ही सवाल उठा दिया, उन्होंने पूछा बीजेपी के आदमी हो क्या. वहीं, जब पत्रकारों ने ये सवाल किया कि आपके विभाग में ही हड़ताल हो रहे हैं, इस पर आप कुछ कदम क्यों नहीं उठाते, तो स्वास्थ्य मंत्री फिर से पत्रकारों पर आरोप लगाते हैं कि आप लोग ही हड़ताल करवा रहे हैं. बता दें कि फिलहाल पूरे झारखंड में 108 एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर हैं.
दरअसल सीएजी ने अपनी जो 2020-2021 की रिपोर्ट दी है वह बेहद चौकाने वाली है. उसमें ये कहा गया है कि झारखंड के अस्पतालों में आयुष्मान भारत स्कीम के तहत करीब 30 लाख रुपए का भुगतान किया गया है. इनमें 250 मुर्दों के इलाज पर भी खर्च करने की बात कही गई है. ये घोटाला उस वक्त हुआ है जब गरीबों को आयुष्मान भारत स्कीम के तहत इलाज कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. अक्सर उन्हें अस्पताल से कोई ना कोई बहाना बना कर टाल दिया जाता है. लेकिन अस्पतालों ने जो 323 क्लेम दिए हैं उसमें 250 मरीजों की मौत दिखाई गई है. यही नहीं उनका इलाज कर भुगतान भी लिया गया है. सीएजी की ये रिपोर्ट आने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.