रांचीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिल्कयारा निर्माणाधीन सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर बाहर निकाल लिये गए है. इनमें से झारखंड के 15 मजदूर भी शामिल हैं, ये खबर मिलते ही उनके घर में जश्न का माहौल है. मजदूरों के सकुशल बाहर निकलने पर झारखंड में कई जगहों पर लोगों ने दीपावली मनाते हुए पटाखे चलाए और मिठाइयां बांटी.
उत्तराखंड के टनल में बीते 12 नवंबर से सात राज्य के 41 मजदूर फंसे थे. इसमें झारखंड के सबसे ज्यादा 15 मजदूर भी अंधेरी गुफा में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के इस रेस्क्यू ऑपरेशन के 17वें दिन देर शाम तक एक-एक करके सभी 41 मजदूरों को सकुशल सुरंग से बाहर निकाला गया. इसके बाद सभी को प्राथमिक उपचार के लिए फौरन एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल ले जाया गया.
झारखंड के मजदूर जब तक उस सुरंग में रहे तब तक ईटीवी भारत की टीम प्रदेश के अलग अलग जिलों में रह रहे उनके परिजनों से उनका दर्द साझा किया. इसके साथ ही उन्हें तमाम अपडेट्स की भी जानकारी उनको दी गयी. जिससे टनल में फंसे मजदूरों का हाल जाना. आखिरकार 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद सभी लोग बाहर निकाले लिए गये हैं. इसके बाद इनके परिवार के चेहरों पर खुशियां भी आ गई हैं. कल तक जो चेहरे खामोश थे आज उन चेहरों पर हंसी है, खुशी है, घर में और लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गई हैं.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण श्रमिकों के हिम्मत की दाद दीः सोशल मीडिया X पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पोस्ट करते हुए टनल में फंसे मजदूरों की हिम्मत की प्रशंसा की. उन्होंने लिखा कि झारखंड समेत विभिन्न राज्यों के मज़दूरों को आज उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सकुशल टनल से बाहर निकाला गया है. 17 दिनों तक ये लोग टनल में फँसे रहे लेकिन हिम्मत नहीं हारे, आज ये लोग बाहर निकले हैं तो हम सभी के लिए यह राहत और संतोष की बात है.
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पोस्ट में श्रमिकों के साहस को सराहाः सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हमारे 41 वीर श्रमिक उत्तराखण्ड में निर्माणाधीन सुरंग की अनिश्चितता, अंधकार और कपकपाती ठंड को मात देकर आज 17 दिनों के बाद जंग जीतकर बाहर आये हैं. आप सभी की वीरता और साहस को सलाम. जिस दिन यह हादसा हुआ उस दिन दीपावली थी, मगर आपके परिवार के लिए आज दीपावली हुई है. आपके परिवार और समस्त देशवासियों के तटस्थ विश्वास और प्रार्थना को भी मैं नमन करता हूं. इस ऐतिहासिक और साहसिक मुहिम को अंजाम देने में लगी सभी टीमों को हार्दिक धन्यवाद. देश के निर्माण में किसी भी श्रमिक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. प्रकृति और समय का पहिया बार-बार बता रहा है कि हमारी नियत और नीति में श्रमिक सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण भूमिका में रहे.