रांची:राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर पिस्का नगड़ी गांव के रहने वाले ज्ञान राज को अब पूरा देश जानने लगा है. कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठने के बाद ज्ञान राज अब परिचय के मोहताज नहीं रह गए हैं. ज्ञान राज ने केबीसी में 3.20 लाख रुपए जीते. हालांकि, ज्ञान राज 11 प्रश्नों के सही जवाब देकर 6.40 लाख रुपए जीत चुके थे. लेकिन, 12वें प्रश्न का जवाब गलत हो गया और वे 3.20 लाख पर आ गए.
यह भी पढ़ें:मिलिए रांची के फुनसुक वांगड़ू से, अमिताभ बच्चन भी हैं फैन, गांव की मिट्टी में बो रहे हैं इसरो के सपने
...जब दोस्त को पड़ी एक थप्पड़ बदली ज्ञान की जिंदगी
शो के प्रसारण के बाद ज्ञान राज से ईटीवी भारत की टीम ने खास बातचीत की और इस दौरान ज्ञान ने कई दिलचस्प किस्से बताए. ज्ञान राज ने बताया कि वे कॉलेज लाइफ में एक लड़की को पसंद करते थे. एक दिन ज्ञान का दोस्त उनके पास आया और कहा कि चलो कॉलेज में कुछ काम है. ज्ञान अपने दोस्त के साथ कॉलेज पहुंचे. कॉलेज पहुंचते ही वो लड़की मिली. ज्ञान के दोस्त ने उस लड़की को प्रपोज कर दिया. प्रपोज करते ही लड़की ने ज्ञान के दोस्त को थप्पड़ जड़ दिया. ज्ञान को इससे काफी डर लगा और वे वापस पढ़ाई की तरफ मुड़े और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में चल पड़े.
लव लाइफ शुरू होती उससे पहले ही लग गया फुल स्टॉप !
ज्ञान राज ने बताया कि जब वे कॉलेज पहुंचे तो लगा कि एक गर्लफ्रेंड होनी चाहिए. जिस लड़की को वे प्रपोज करना चाहते थे वह पढ़ने में काफी तेज थी. ज्ञान बताते हैं कि उस लड़की का स्वभाव और पढ़ाई से प्रभावित होकर वे उसे प्रपोज करना चाहते थे. लेकिन, लव लाइफ शुरू होती उससे पहले ही फुल स्टॉप लग गई. ज्ञान का कहना है कि वे थोड़े शर्मिले हैं और उस लड़की के बाद उन्हें कोई पसंद ही नहीं आई.
मां को ब्रेन हेमरेज हुआ तो छोड़ दिया ISRO का मौका
ज्ञान 2012 में 12वीं के स्टेट टॉपर थे. उन्हें कई बड़े कॉलेज में जाने का अवसर मिला. उसी दौरान उनकी मां को पैरालिसिस अटैक आ गया. अचानक शरीर के मूवमेंट में दिक्कत होने लगी. सिर में ब्लड क्लॉट हो गया. अब स्थिति ऐसी थी कि मां को देखें या इसरो जाएं. उस वक्त ज्ञान ने मां के साथ रहने का फैसला किया क्योंकि उस वक्त मां को उनके सपोर्ट की बहुत जरूरत थी. बाहर किसी बड़े कॉलेज में पढ़ने की बजाय रांची के बीआईटी मेसरा में एडमिशन लिया.
ज्ञान राज का कहना है कि वे इसरो जाकर स्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के बाद सभी बच्चों को वहीं से जॉब भी मिल जाता है. उन्हें इंडियन आर्मी से भी इंजीनियरिंग विंग का ऑफर था. लेकिन, अब ज्ञान को इसका अफसोस नहीं है क्योंकि वे ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं जिससे सैकड़ों-हजारों बच्चे इसरो जा सकें. ज्ञान राज ने कहा-"मैं इसरो नहीं जा सका तो क्या, अब हजारों बच्चों के लिए इसरो का दरवाजा खुलेगा".